पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने शनिवार को प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को टेरर फाइनेंसिंग मामलों में 15 साल जेल की सजा सुनाई है.
शनिवार को काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) ने कहा कि लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी लुकमान शाह और मसूद-उर-रहमान के खिलाफ सुनवाई खत्म की. इनके खिलाफ साल 2019 में पंजाब पुलिस के सीटीडी ने मामला दर्ज किया था और जांच की थी.
सीटीडी ने कहा कि अदालत ने आरोपियों को आतंकवाद निरोधी कानून के तहत टेरर फाइनेंसिंग का दोषी पाया और 15-15 साल जेल की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों आतंकियों पर जुर्माना भी लगाया है.
सीटीडी ने कहा कि दोनों दोषी लश्कर-ए-तैयबा की संपत्तियों को संभालते थे. साथ ही उनसे मिलने वाली इनकम का इस्तेमाल टेरर फाइनेंसिंग के लिए करते थे.
सीटीडी ने कहा कि अभियोजन ने पुख्ता साक्ष्य पेश कर सफलतापूर्वक अपने मामले को साबित किया. दोषियों ने लश्कर-ए-तैयबा के लिए पैसा जुटाया और उसकी संपत्ति को संभाला. इन दोषियों को मिली सजा देश में टेरर फाइनेंसिंग को रोकने की दिशा में अहम कदम साबित होगी.
इससे पहले पिछले महीने लाहौर की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के करीबी और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के 4 आतंकवादियों को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी. इनको टेरर फाइनेंसिंग मामले में सजा सुनाई गई थी.