काठमांडू और नई दिल्ली के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच नेपाल के जल मंत्री बर्मन पुण ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह देश के दक्षिण में आई भयावह बाढ़ की समस्या के निस्तारण के लिए भारत के अफसरों से बातचीत शुरू करें। भारत और नेपाल दोनों मानसून के मौसम में बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं। इस बाढ़ की चपेट में आकर अतीत में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 41 लोग मारे गए हैं, जबकि 41 लोग लापता हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला सर्वाधिक प्रभावित है। यहां बाढ़ में सर्वाधिक 27 मौत हुई है।
बाढ़ प्रबंधन (JCIFM) की बैठक की तैयारी शुरू करें
शुक्रवार की दोपहर नेपाल में आई भीषण बाढ़ को लेकर नेपाल के जल मंत्री बर्मन पुण के नेतृत्व में एक बैठक हुई। इस बैठक में नेपाली अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे भारत-नेपाल संयुक्त समिति को बाढ़ और बाढ़ प्रबंधन (JCIFM) के लिए तैयार करें, जहां बाढ़ की भीषण समस्या है। उन्होंने कहा कि नेपाल का तराई इलाका बाढ़ की चपेट में है। मंत्री ने कहा कि जेसीआईएफएम की बैठक बुलाकर भारतीय पक्ष को इससे अवगत कराएं। उन्होंने अफसरों से कहा कि इसके लिए तैयारी शुरू करें।
नेपाल के गृह मंत्री ने भारत पर लगाया आरोप
इस सप्ताह की शुरुआत में, नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने भारत पर सीमा के साथ संरचनाओं के निर्माण के लिए दोषी ठहराया, जिसका दावा है कि उन्होंने पानी के प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया और परिणामस्वरूप देश के विभिन्न स्थानों में बाढ़ आ गई। थापा ने कहा कि नेपाल सरकार ने इस समस्या के हल के लिए कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं, लेकिन वह बहुत कारगर नहीं रहा।