सोनभद्र के उभ्भा गांव जाने के प्रयास UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू हुए गिरफ्तार

सोनभद्र जिले के उभ्भा गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार की पहली बरसी पर राजनीति फिर गरम हो रही है। गुरुवार को उभ्भा  गांव जा रहे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भदोही में गिरफ्तार किया गया है। उनको गोपीगंज के एक गेस्ट हाउस में रखा गया है।

पुलिस की गिरफ्त में आने वाले लल्लू ने कहा कि दलित-आदिवासियों पर हमला करने वाली भाजपा सरकार उनके अधिकारों की लड़ाई से इतना डरती क्यों है। कांग्रेस ने नरसंहार के दौरान भी उनके खिलाफ अत्याचार को जोर-शोर से उठाया था। अब तो हम उभ्भा के नरसंहार में मृत आदिवासियों की स्मृति में पीडि़तों से मिलने जा रहे थे। इसके बाद भी हमको भारी पुलिस बल ने रास्ते में रोक कर गिरफ्तार कर लिया है। यह तो लोकतंत्र के खिलाफ है। उत्तर प्रदेश सरकार हताश होकर तानाशाही पर उतर आई है।

कुशीनगर के तमकुहीराज से कांग्रेस के विधायक अजय कुमार लल्लू ने रोके जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों से कहा कि हम तो शांति व प्रेम से तीन लोगों के साथ उभ्भा गांव जा रहे हैं। नरसंहार में मारे गए लोगों के घर व परिवार के लोगों के साथ दुख बांटने जा रहे हैं। हमको क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या अब प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी समाप्त कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मैं जन प्रतिनिधि हूं, विधायक होने के साथ एक पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं। सरकार का यह व्यवहार तो समझ से परे है।

सोनभद्र जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को पुलिस ने गोपीगंज में रोकने के बाद नजरबंद किया है। गोपीगंज पुलिस ने इस कार्रवाई का कारण शांति भंग होने आशंका बताया है। उन्हेंं गोपीगंज गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया गया है। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं काे झूठे मुकदमे में फंसा रही प्रदेश सरकार

भदोही के सीतामढ़ी गेस्ट हाउस पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह लल्लू ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज है। कांग्रेसियों को प्रदेश सरकार झूठे मुकदमें में फंसा रही है। आरोप लगाया कि सोनभद्र के ऊभ्भा कांड के आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने सोनभद्र जा रहा था कि गोपीगंज के पास नेशनल हाइवे पर पुलिस प्रशासन ने रोक लिया और जबरन सीतामढ़ी गेस्ट हाउस ले आए। जब पिछले वर्ष 17 जुलाई को ऊभ्भा कांड हुआ था तो प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के लिए बड़े दावे किये थे लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो आदिवासियों को जमीन दी गयी और न ही आवास और अन्य सुविधाएं। प्रदेश सरकार दलित और आदिवासी विरोधी है।

बीते वर्ष 17 जुलाई को उभ्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में 11 आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रधान सहित अभी तक 67 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें मध्य प्रदेश के भी लोग हैं। इन सभी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास सहित एससी/एसटी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज है। जमीन पर कब्जे को लेकर हुई इस हत्या में मुख्य आरोपी मूर्तिया ग्राम पंचायत के प्रधान यज्ञदत्त सहित कुल 78 लोगों पर मुकदमा दर्ज था। जिसमें से 67 आरोपी गिरफ्तार हैं।

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