यूपी सरकार ने कानपुर एनकाउंटर व इसके मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर से जुड़े हर पहलू की जांच के लिए एक एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया है। जिसे जांच के लिए दो महीने का समय दिया गया है।
इस आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा व इसके अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल होंगे। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि दो-तीन जुलाई 2020 और 10 जुलाई 2020 की घटना और इस अवधि के दौरान पुलिस व अपराधियों के मध्य हुई मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है अत: प्रदेश सरकार ने इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने का निर्णय लिया है।
बता दें कि दो जुलाई की रात को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस टीम पर हुए एक हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
आयोग दो-तीन जुलाई, 2020 से 10 जुलाई 2020 के मध्य प्रकरण से संबंधित अपराधियों के बीच मुठभेड़ की गहनतापूर्वक जांच करेगा और आगे कभी इसे न दोहराया जाए इस पर अपने सुझाव देगा।
गौरतलब है कि इसी मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था जिसकी जांच बिकरू कांड के सरगना विकास व अन्य आरोपियों और पुलिस की भूमिका के इर्द-गिर्द केंद्रित की गई है।
इसमें पुलिस एनकाउंटर को शामिल नहीं किया गया था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में एनकाउंटर सहित पूरे प्रकरण की जांच सेवानिवृत्त जज से कराने की मांग की गई थी।
शशिकांत अग्रवाल ने 1998 में बतौर जज अपने कॅरिअर की शुरुआत की थी। उन्हें 2008 में जिला व सेशन जज के रूप में प्रमोट किया गया। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडिशनल जज बनें। वह पिछले ही वर्ष 31 जुलाई 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे।