लॉकडाउन के दौरान जौनपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से रंगदारी मांगने और उसे अगवा कर धमकी देने के मामले में पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

इस मामले में जमानत की उम्मीद कर रहे धनंजय को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. अदालत ने उसे कोई फौरी राहत नहीं दी है. इसके अलावा अदालत ने यूपी सरकार से जवाब तलब भी किया है. अपनी जमानत के समर्थन में धनंजय ने अदालत में खुद ही अपनी हिस्ट्रीशीट पेश की.
धनंजय की तरफ से दाखिल हलफनामे में बताया गया कि उसके खिलाफ कुल 38 केस दर्ज हैं. 38 में से 24 मामलों में वो बरी हो चुका है, जबकि एक मुकदमें में डिस्चार्ज है. वहीं, 4 मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है. 3 केस सरकार की तरफ से वापस लिए जा चुके हैं. अब सिर्फ 5 मामले ही बचे हैं.
धनंजय की तरफ से बचाव में कहा गया है कि उसके खिलाफ जो मामले दर्ज हुए हैं, उनमे से ज्यादातर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के चलते दर्ज किये गए हैं.
हाईकोर्ट ने धनंजय के इस हलफनामे पर यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया है. अदालत ने यूपी सरकार को धनंजय के क्रिमिनल रिकार्ड की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस डीके सिंह की बेंच ने यूपी सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है. अदालत इस मामले में 15 जुलाई को फिर से सुनवाई करेगी.
बतादें कि धनंजय सिंह पर लॉकडाउन के दौरान जौनपुर में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से रंगदारी मांगने और उसे अगवा कर धमकी देने का आरोप है.
इस सिलसिले में उसे 10 मई को गिरफ्तार किया गया था. एफआईआर पीड़ित अभिनव सिंहल की तरफ से दर्ज कराई गई थी. सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. इसके बाद अब हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई.
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