योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को दी गई ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा ने एक बार फिर बीजेपी से उनकी निकटता को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म कर दिया है. हालांकि यह एक ऐसी बात है जिसे वह हमेशा से अस्वीकार करती आई हैं.
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा बिष्ट यादव को पिछले महीने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी. जिसके बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले दल बदलने जैसा बड़ा निर्णय ले सकती हैं.
अपर्णा के पति के बड़े भाई और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी इस सब में भारतीय जनता पार्टी की साजिश नजर आती है. एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “उनको सुरक्षा प्रदान करना 500 फीसदी बीजेपी की ही चाल है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अभी भी एसपी के साथ हैं, अपर्णा यादव ने पीटीआई से कहा, “हां, मैं 2016 में ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) के निर्देश पर पार्टी में शामिल हुई थी और पार्टी की प्राथमिक सदस्य हूं.” लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी की आलोचना भी की.
एसपी की आलोचना करते हुए अपर्णा यादव ने कहा, “सपा में अनुशासन की कमी है. पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी के संविधान, सपा की विचारधारा और समाजवाद के बारे में जानना चाहिए. ‘नेताजी’ ने हमेशा पार्टी में अनुशासन के बारे में बात की. अब पार्टी में महिलाओं का क्या स्थान है?”
पार्टी में मुलायम सिंह यादव से लेकर बेटे अखिलेश यादव की सत्ता परिवर्तन तक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “पार्टी में पुरानी व्यवस्था अब बदल गई है और नए को इसका ध्यान रखना चाहिए. वह इस पर काम कर रहे होंगे.”
इस मौके पर महिला अधिकार कार्यकर्ता ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए कामों की प्रशंसा भी की. उन्होंने कहा, “मैं देश की नागरिक हूं और मुझे जो भी सही लगता है वह कहती हूं.”
बातचीत के दौरान अपर्णा यादव ने ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त करने से शुरू हुई अटकलों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं जनता की सेवा में हूं और पारदर्शी तरीके से अपना काम करती हूं. मुझे सुरक्षा मिली, जो राज्य सुरक्षा मुख्यालय द्वारा खतरे के आकलन के बाद ही प्रदान की जाती है.” वहीं दूसरी ओर एसपी संरक्षक की बहू को दी गई सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर, एक बीजेपी नेता ने कहा, “यह सरकार का निर्णय है. इसमें कोई राजनीति नहीं है. सुरक्षा देने या वापस लेने की एक प्रक्रिया है.”
गौरतलब है कि यादव ‘बहू’ ने 2017 के विधानसभा चुनावों में लखनऊ छावनी सीट से चुनाव भी लड़ा था लेकिन उनको असफलता ही हासिल हुई थी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2022 में एसपी प्रत्याशी के रूप में फिर से चुनाव लड़ेंगी, उन्होंने कहा, “मेरे दिल में इस सीट का बहुत खास स्थान है. मैं अपना काम कर रही हूं और अगर पार्टी मुझे मौका देती है, तो मैं वहां से जरूर लड़ूंगी.”
लेकिन जब अपर्णा यादव से पूछा गया कि क्या अगर उनको एसपी से टिकट नहीं मिलता है तो वह बीजेपी या किसी अन्य पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेंगी, तो उन्होंने जवाब दिया, “समय आएगा तो हो जाएगा.” लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल यह उनके लिए ध्यान देने योग्य बात नहीं है. उन्होंने आगे कहा, “वर्तमान में हमारी प्राथमिकता ‘नेताजी’ का स्वास्थ्य है, ताकि हम उनका आशीर्वाद ले सकें.”
यादव परिवार में दरार पर अपर्णा यादव ने कहा, “हम सभी चाहते हैं कि परिवार एक रहे. मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में सब ठीक हो जाएगा.”