भारत की ओर से लगातार चीन को आर्थिक झटके दिए जा रहे हैं. सड़क निर्माण और डिजिटल क्षेत्र में झटके के बाद अब बारी बिजली क्षेत्र की है.

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि पावर प्रोजेक्ट के लिए चीन से जो भी इम्पोर्ट होता था, अब सरकार उसे रेगुलेट कर सकती है. इस क्षेत्र में कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जा सकता है.
इंटरव्यू में आरके सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जाएगा, ताकि आसानी से होने वाले आयात को सख्त किया जाए. चीनी कंपनियों को रोकने के लिए कस्टम के साथ-साथ नियमों में सख्ती बरती जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत इतनी ताकत रखता है कि हम आर्थिक लेवल के साथ-साथ युद्ध क्षेत्र में भी चीन को धकेल सके. आज पूरी दुनिया भारत के साथ है, इसमें भारत के मजबूत नेतृत्व का हाथ है.
चीनी निवेश थमने के बाद भारत में पड़ने वाले असर को लेकर उन्होंने कहा कि हम अपने देश में आपूर्ति को अपने दम पर पूरा कर सकते हैं.
पहले सामान इसलिए मंगाया जाता था, क्योंकि चीन सस्ते दाम पर अपना प्रोडक्ट दे देता था. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत की गई है.
आरके सिंह ने कहा कि अब घर के सामान पर निर्भरता बढ़ेगी, क्योंकि हर भारतीय चाहता है कि चीन को कड़ा सबक सिखाया जाए.
आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया था कि भारत में बड़े हाइवे प्रोजेक्ट्स में अब चीनी कंपनियों को बैन किया जाएगा, इतना ही नहीं अगर वो किसी के साथ पार्टनरशिप में आती हैं तो भी उसपर रोक लगाई जाएगी. दूसरी ओर MSME सेक्टर में भी चीन पर नकेल कसी जाएगी.
इससे पहले सरकार ने चीन की 59 मोबाइल ऐप्स पर बैन लगा दिया था, जिसमें टिकटॉक भी शामिल थी. वहीं रेलवे ने चीन की कंपनी को दिया ठेका भी रद्द कर दिया था.
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