लद्दाख लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने गुरुवार को कहा कि अक्साई चिन एक भारतीय क्षेत्र है और अब इसे चीनी कब्जे से वापस लेने का समय आ गया है.
टीवी से बात करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि सिर्फ अक्साई चिन ही नहीं, बल्कि गिलगित और बाल्टिस्तान भी लद्दाख का हिस्सा हैं.
बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि ये 2020 का भारत, 1962 का भारत नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय चरवाहों को अपने पारंपरिक चारागाहों में जाना चाहिए, जिस पर चीन ने कब्जा किया और चरवाहों को प्रवेश देने से मना कर दिया है. भारत को इन क्षेत्रों पर दावा करना चाहिए और वापस लेना चाहिए.
बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि हम सीमा सुरक्षा के लिए लद्दाख में स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी भूमिका चाहते हैं. गौरतलब है कि सोमवार देर रात हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों की शहादत पर सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी.
बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा था, ‘मैं गलवान घाटी में भारतीय सेना के सैनिकों के अदम्य साहस और निस्वार्थ बलिदान को सलाम करता हूं.
आप सभी ने मातृभूमि के लिए अपनी अंतिम सांस तक अपार साहस दिखाया. आपकी वीरता को हमेशा याद रखा जाएगा. बहादुर सैनिकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना.’
चीन के साथ विवाद के बीच लद्दाख के सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने पिछले हफ्ते सीमाई इलाके का दौरा किया था. पैंगोंग झील इलाके के आसपास सीमाई गांवों में 3 दिन का दौरा करने के बाद लौटे सांसद नामग्याल ने जानकारी दी कि कैसे चीन ने बॉर्डर पर दूसरी तरफ बाहर से लोगों को लाकर बसा दिया है.
उन्होंने बताया था कि चीन ने अपनी सीमा में कैसे प्रवासियों को लाकर बसा दिया है. लद्दाख के डेमचोक गांव के सामने चीन ने अपनी साइड नया डेमचोक गांव बसा दिया है, जो पहले कभी नहीं था. चीन ने वहां 13 मकान बनाए हैं और सड़क व टेलीकॉम की सुविधा भी शुरू कर दी है.