2 जुलाई 2020 अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास दिवस के रूप में इतिहास में दर्ज होगी. 2 जुलाई को देवताओं के चार महीनों तक शयन की देवशयनी एकादशी के मंगल मुहूर्त में भूमि पूजन होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में दुनिया के सबसे चर्चित मंदिर के निर्माण की शुरुआत होगी. प्रधानमंत्री अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि परिसर में स्थित मंदिर निर्माण स्थल से लाई गई पवित्र मृत्तिका यानी मिट्टी का पूजन 1 जुलाई को दिल्ली स्थित लोक कल्याण मार्ग में अपने आवास पर करेंगे.
पूरे विधि विधान से होने वाले इस पूजन में प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के भी पुरोहित होंगे. पूजन के बाद सुपूजित मिट्टी को लेकर प्रधानमंत्री के खास सलाहकार नृपेंद्र मिश्रा अयोध्या जाएंगे.
वहां देवशयनी एकादशी के मंगल मुहूर्त में प्रातः काल भूमिपूजन होगा. मॉनसून की फुहारों के बीच रामलला के जन्मस्थल पर आधुनिक मंदिर के निर्माण का श्रीगणेश होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ का 18 जून को अयोध्या का दौरा इसी संकेत की पुष्टि करता है. वैसे कहा तो यही जा रहा है कि सीएम विकास कार्यों की समीक्षा करने जा रहे हैं, लेकिन असल में भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लेना भी दौरे का मकसद है.
आजतक ने ही आपको बताया था कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक में तय हुआ था कि देवशयनी एकादशी से पहले शिलान्यास हो जाए तो अति उत्तम होगा, क्योंकि फिर चार महीने यानी देवोत्थान एकादशी यानी दिवाली के 11 दिन बाद तक शिलान्यास का कोई मुहूर्त होगा ही नहीं.
लिहाजा शिलान्यास से पहले पूरे परिसर की माप के साथ ही चाहरदीवारी बनवाने का कार्य शुरू कर दिया जाए. इसके लिए ईंटें भी मंगवाई जा रही हैं. मंदिर के अलावा अन्य भवनों और पौधरोपण, बाग बगीचे, उपवन पार्क आदि बनाने का काम भी शुरू कराया जा रहा है.
कोरोना का संकट और चीन के साथ तनाव सुलझ जाए और हालात सामान्य हो जाएं तो 2 जुलाई को शिलान्यास हो जाएगा और ये तारीख श्री राम जन्मभूमि आंदोलन और मंदिर निर्माण के इतिहास के यादगार पन्नों में दर्ज हो जाएगी.