रेंटल हाउसिंग स्कीम के लिए हरियाणा सरकार ने ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग का गठन किया

महामारी और संकट के इस दौर में कोई भी व्यक्ति छत से महरूम न रहे इसके लिए हरियाणा सरकार रेंटल हाउसिंग स्कीम शुरू करने जा रही है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए हाउसिंग फॉर ऑल नाम के एक विभाग का गठन भी किया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज में छोटे दुकानदारों, कृषि, किसानों, मंडियों में बुनियादी ढ़ांचों में सुधार, मजदूरों तथा हर किसी के लिए छत मुहैया कराने के लिए शामिल की गई योजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में अलग से ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ विभाग का गठन किया है और इसके अलावा, ‘रेंटल हाउसिंग स्कीम’ भी आरंभ करने की भी योजना है।

‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित कोरोना वायरस के इस संकट के समय का हमे सदुपयोग करने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि किसी को मालूम नहीं कि यह संकट कितने लंबे समय तक चल सकता है।

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हर किसी को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सारे काम करने होंगे। केंद्र सरकार द्वारा भी सरकारी व्यवस्थाओं में बदलाव किया जा रहा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन रहेगा फोकस

वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के समय केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के लिए मेगा आर्थिक पैकेज की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हरियाणा में एमएसएमई को अवश्य ही लाभ होगा और प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के विजऩ को आगे बढ़ाने में बल मिलेगा।

इससे एमएसएमई की स्वायत्तता बढ़ेगी और निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हरियाणा पहले ही कदम बढ़ा चुका है।

हरियाणा के वर्ष 2020-21 के बजट में पहले से ही 4 एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में उद्योग के अनुरूप 22 विशेष कलस्टर स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने सब्जी, बागवानी व अन्य फसलों के लिए हरियाणा की 3 वर्ष पहले लागू की गई ‘भावांतर भरपाई योजना’ को इस विशेष पैकेज में शामिल करने तथा इसे पूरे देश में लागू करने का सुझाव देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि योजना के तहत हरियाणा में पहले से 500 एफपीओ गठित किए जा चुके हैं और इनकी संख्या 1500 तक बढ़ाई जाएगी, ताकि किसान फसलों की बिक्त्रस्ी आसानी से कर सकें। उन्होंने कहा कि सीधे खेत से ही किसान अपनी उपज बेच सके, इसके लिए भी हरियाणा ने योजना बनाई है।

सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के बाद हर तरह की औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां पुनऱ् सुचालित करने के लिए केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है और हरियाणा तो पहले ही कोरोना की इस लड़ाई में बेहतर कदम उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद होने के चलते कई श्रमिकों के रोजगार भी बंद हुए हैं और ऐसे श्रमिकों का कौशल का उपयोग हो।

इसके लिए अलग से एक योजना बनाई जा रही है और इनको प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ताकि इनका नई व्यवस्था के अनुरूप आवश्यकतानुसार अपने कार्यक्षेत्र में बदलाव ला सकें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पुनऱ् पटरी पर लाना हम सबकी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने आर्थिक पैकेज में मंडियों के सुदृढ़ीकरण में फसलों को सुखाने के लिए ड्रायर की व्यवस्था करने के प्रावधान करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि अब मंडियों में रबी फसलों की खरीद जोरों पर है तथा लॉकडाउन के बाद भी सरकार ने समुचित प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विस्तार के लिए भी नई योजनाएं शामिल की गई हैं।

उन्होंने कहा कि किसान क्त्रस्ेडिट कार्ड की तर्ज पर मत्स्य पालन व पशुपालन के लिए भी क्त्रस्ेडिट कार्ड योजना लागू की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना बनाई है।

इसके तहत 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लवणीय व क्षारीय जमीन पर मत्सय पालन की संभावना अधिक है और इस योजना से हरियाणा के किसानों को 400 से 500 करोड़ रुपए तक का लाभ मिल सकता है।

 

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