प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि इसने कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवर्तित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और कांग्रेस पार्टी के नेता मोती लाल वोरा की 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है। एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में यह कार्रवाई की गई है।
ईडी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति मुंबई में 9 मंजिला इमारत है, इसमें दो बेसमेंट भी हैं और 15 हजार स्क्वायर मीटर में बना हुआ है। इसकी कुल कीमत 120 करोड़ रुपए है।
इसमें से 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। इमारत बांद्रा ईस्ट में ईपीएफ ऑफिस, कला नगर के पास प्लॉट नंबर 2 और सर्वे नंबर 341 पर है।
ईडी ने पिछले साल मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। पंचकूला के सेक्टर छह में प्लॉट नंबर सी-17 की खरीद, कब्जे से जुड़ी प्रक्रिया में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने के कारण इनके नाम चार्जशीट में हैं।
जांच में पता चला कि प्लॉट को एजेएल को साल 1982 में आवंटित किया गया। एस्टेट अधिकारी हुडा ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया, क्योंकि एजेएल ने ऑफर लेटर की शर्तें फॉलो नहीं की थीं।
1996 में पुनर्विचार याचिका के खारिज करने के बाद पुर्नग्रहण आदेश दिया गया। हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए प्लॉट को पुनर्आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को आवंटित किया।
इसकी कीमत वही रखी गई। यह आदेश 28 अगस्त 2005 को दिया गया। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर 2016 में शिकायत दर्ज की थी।
मोतीलाल वोरा एजेएल के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इस कंपनी पर गांधी परिवार का दखल है। एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार को चलाता है। इस अखबार को साल 1939 में जवाहरलाल नेहरू ने शुरू किया था।
1956 में एजेएल एक कंपनी बनी। साल 2008 में इसके सारे पब्लिकेशंस बंद कर दिए गए। तब कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से कंपनी बनाई।
इसके डायरेक्टर्स में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, ऑस्कर फर्नांडीज और सुमन दुबे के नाम शामिल थे। इसमें सोनिया-राहुल के पास 76 प्रतिशत शेयर थे।