आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज का मामला सामने आया है. यह घटना गुरुवार सुबह हुई. इसके बाद पूरे शहर में तनाव का माहौल है. अभी भी हालत नियंत्रण में नहीं है. स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है.
बताया जा रहा है कि आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है. इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं. फिलहाल, पांच गांव खाली करा लिए गए. सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं.
सरकारी अस्पताल में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसमें अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे हैं. बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में 150-170 लोग भर्ती कराए गए हैं. इसके अलावा कई लोगों को गोपालपुरम के प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है. 1500-2000 बेड की व्यवस्था कर ली गई है.
विशाखापट्टनम नगर निगम के कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टेरेने गैस का रिसाव हुआ है. रिसाव की शुरुआत सुबह 2.30 बजे हुई. गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए, जबकि कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
हालांकि, गैस लीकेज के असली कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. फिलहाल मौके पर विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद पहुंच गए हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
उनका कहना है कि दो घंटे के अंदर हालत को नियंत्रण में कर लिया गया. कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है.
मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी लगाई गई हैं और गांवों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. पुलिस अधिकारी लोगों से घर से बाहर निकलने की अपील कर रहे हैं और सुरक्षित जगह जाने को कह रहे हैं. साथ ही लोगों से प्रभावित इलाकों में न जाने की अपील भी की जा रही है.
एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से की गई थी. कंपनी पॉलिस्टाइरेने और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती है.
1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय कर लिया गया था और फिर यह एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई.