उत्तराखंड: लॉकडाउन हो रहा पॉजिटिव साबित, काफी नीचे आया क्राइम का ग्राफ

अपराध पर नियंत्रण के लिए भी लॉकडाउन ‘पॉजिटिव’ रहा। इसके चलते जिले में क्राइम का ग्राफ काफी नीचे आ गया है। कुछ थाने तो ऐसे हैं, जहां लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक एफआइआर का खाता तक नहीं खुला है। लॉकडाउन लागू होने के दिन यानी 22 मार्च से 26 अप्रैल तक जिले के 21 थानों में दर्ज मुकदमों में से अगर लॉकडाउन उल्लंघन के 311 मामले हटा दें तो इस दरमियान जिले में चोरी, दुष्कर्म, बलवा, दहेज उत्पीड़न, हत्या, दहेज हत्या, लूट जैसे संगीन अपराधों के केवल 109 केस ही दर्ज हुए। जबकि मार्च महीने में कुल मुकदमों की संख्या 348 थी। लॉकडाउन में घटे क्राइम पर सोबन सिंह गुसांई की रिपोर्ट।

इसलिए लगा अपराध पर अंकुश

लॉकडाउन के चलते इन दिनों प्रदेश की सभी सीमाएं सील हैं। जिससे बाहरी प्रदेशों से कोई भी अपराधी जिले में नहीं पहुंच पाया। इसके अलावा पूरे जनपद में दिन-रात पुलिस का कड़ा पहरा होने के कारण भी अपराधी अपने ठिकानों से बाहर नहीं निकल रहे। यही वजह रही कि लॉकडाउन के दौरान आपराधिक मामलों का ग्राफ इतना नीचे आ गया। लॉकडाउन लागू होने के बाद जिले में लूट का एक, चोरी के आठ और नकबजनी के सिर्फ दो मामले ही सामने आए।

लॉकडाउन उल्लंघन में 311 मुकदमे

22 मार्च से 26 अप्रैल के बीच लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर जिले के थानों में 311 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 270 और महामारी रोग अधिनियम (धारा 188) के तहत 41 मुकदमे दर्ज किए गए।

सबसे ज्यादा 60 मुकदमे नेहरू कॉलोनी में, त्यूणी में शून्य

लॉकडाउन लागू होने के बाद से 26 अप्रैल तक सबसे ज्यादा 60 मुकदमे नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज किए गए। जबकि चकराता और त्यूणी में इस अवधि में कोई आपराधिक मामला सामने नहीं आया। रानीपोखरी थाने में सिर्फ एक एफआइआर दर्ज हुई।

बोले अधिकारी

अरुण मोहन जोशी (डीआइजी) का कहना है कि जिले में सभी थाना और चौकी इंचार्जो को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर रात के समय पुलिस पिकेट और मोहल्लों में चीता पुलिस की ड्यूटी लगाई है ताकि अपराधियों में पुलिस का डर बना रहे। यही कारण है कि क्राइम का ग्राफ गिरा है। त्यूणी और चकराता में पहले से ही क्राइम का ग्राफ कम है। 

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