कोरोना संक्रमण को लेकर जिस तरह के डर का माहौल है, उसके चलते लोग जांच तक करवाने के नाम पर भाग खड़े हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ के सरोजिनीनगर में सामने आया, जहां कोरोना संदिग्ध पति-पत्नी जांच व इलाज से बचने के लिए गांव की बाग में जाकर छिप गए। बाद में ग्राम प्रधान की सतर्कता व जागरूकता के चलते इन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभी इनकी रिपोर्ट आना बाकी है।

दिल्ली के दम्पति के सम्पर्क में आए थे
मामला सरोजिनी नगर की ग्राम पंचायत खुर्रमपुर के मजरे पलेंहदा का है। यहां मूल रूप से उन्नाव हसनगंज के चौगड़ा खेड़ा का रहने वाला अर्जुन गौतम (28) पिछले 7 साल से पत्नी सावित्री के साथ अपनी ससुराल में ही रहकर सब्जी का व्यापार करता है। 15 दिन पहले वह अपने घर चौगड़ा खेड़ा गया था। वहां वह दिल्ली से आए एक दम्पति के संपर्क में आया। तभी से उसकी तबियत खराब हो गई। तेज बुखार, खांसी होने पर उसे वहीं एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने उसे अस्पताल से भगा दिया।
इलाज नहीं मिला तो ससुराल आ गया
यहां वापस आने पर अर्जुन को उसके ससुर शिवनाथ ने सरोजिनीनगर के खुशहालगंज में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन दो दिन तक हालत नहीं सुधरी तो डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया। अर्जुन वापस अपनी ससुराल में रहने लगा। इस बीच उसकी पत्नी भी बुखार, खांसी से पीड़ित हो गई। दोनों की हालत देख पड़ोसियों को उनके कोरोना संक्रमित होने की शंका हुई।
एहतियात से पकड़कर अस्पताल पहुंचाया
शुक्रवार को ग्रामीणों से जानकारी मिली तो प्रधान संतोष सिंह ने अर्जुन के ससुर शिवनाथ से अपने दामाद व बेटी की जांच लोकबंधु अस्पताल में कराने को कहा। जांच का नाम सुनते ही अर्जुन, सावित्री व शिवनाथ भागकर गांव के बाहर आम की बाग में छिप गए। तब प्रधान संतोष सिंह ने पूरे एहतियात के साथ ग्रामीणों की मदद से तीनों को खोजा और चौकी प्रभारी, खंड विकास अधिकारी अजीत कुमार सिंह व एसडीएम सरोजिनी नगर प्रफुल्ल त्रिपाठी को सूचना दी। फिर 108 एम्बुलेंस बुलाकर तीनों संदिग्धों को लोकबंधु अस्पताल भिजवाया। अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है क्योंकि कई ग्रामीण इस परिवार के सम्पर्क में आ चुके हैं।
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