भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को इस साल के पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) का पूर्वानुमान जारी कर दिया है. इस साल बादल झमाझम बरसेंगे. IMD ने 100 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान दिया है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचीव माधवन राजीवन ने जानकारी देते हुए कहा कि मानसून के मौसम 2020 के दौरान मात्रात्मक रूप से मानसून वर्षा, मॉडल त्रुटि के कारण +5 या -5% की त्रुटि के साथ इसकी लंबी अवधि के औसत का 100% होने की उम्मीद है.
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दिल्ली में मानसून आने की तारीख 29 जून के बजाय 27 जून बताई गई है. केरल में मानसून के 1 जून तक पहुंच जाने की उम्मीद है. वहीं, आईएमडी के मुताबिक चेन्नई के लिए 4 जून, पंजाब 7 जून, हैदराबाद में 8 जून, पुणे में 10 और मुंबई में 11 जून तक मानसून दस्तक दे सकता है. इस बार मानसून 10 दिन देरी से विदा होगा. ये बदलाव जलवायु में आ रहे परिवर्तनों के चलते देखे जा रहे हैं.
चार महीने का दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल से शुरू होता है. ये कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में सालाना हो वाली बारिश का 75% इसी मानसून से होती है. दक्षिण-पश्चिम मानसून खरीफ की फसल जैसे धान, मोटे अनाज, दालें और तिलहन बोने के लिए भी अहम है.
IMD ने 15 अप्रैल, 2019 को मानसून 2019 का अपना पूर्वानुमान जारी किया था. मौसम विभाग ने दीर्घावधि औसत की तुलना में 96% मानसून वर्षा की संभावना जताई थी. इसमें 5% का एरर मार्जिन भी रखा गया था. 4 महीनों के मानसून सीजन में औसतन 887 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन पिछले साल इतनी बारिश नहीं हुई.
बता दें कि भारतीय मौसम विभाग जून से सितंबर के बीच होने वाली मानसून वर्षा का पूर्वानुमान दो चरणों में जारी करता है. पहला पूर्वानुमान अप्रैल में जबकि दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाता है. मौसम विभाग, मानसून पूर्वानुमान जारी करने के लिए स्टैटिसटिकल एंसेंबल कास्टिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है.