कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में उपजे अनिश्चितता के माहौल के बीच RBI ने सोमवार को घरेलू स्तर पर हालात को संभालने की कोशिश की।
इस कड़ी में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि केंद्रीय बैंक कोरोनावायरस से उपजे हालात पर नजर रख रहा है और समय आने पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
इस दौरान दास ने रेपो रेट में कटौती की संभावना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
कोरोनावायरस के प्रभाव को लेकर दास ने कहा कि पूरी दुनिया पर इसका असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना से अछूता नहीं है और देश की अर्थव्यवस्था में COVID-19 का असर देखने को मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में आरबीई की एमपीसी में इसके असर पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आरबीआई तैयार है।
आरबीआइ गवर्नर ने यस बैंक से जुड़े घटनाक्रमों और कोरोनावायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर केंद्रीय बैंक की तैयारी को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को दो अरब डॉलर बेचे जाएंगे। साथ ही एक लाख करोड़ रुपये का LTRO लाया जाएगा।
आरबीआइ गवर्नर ने सोमवार को यस बैंक के ग्राहकों को एक बार फिर आश्वस्त किया कि जमाकर्ताओं की राशि पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि 18 मार्च 2020 यानी बुधवार को यस बैंक के ग्राहक पैसे निकाल सकते हैं लेकिन इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।
दास ने सोमवार को जोर देकर कहा कि देश के बैंकों की बुनियाद मजबूत है और राज्य सरकारों को प्राइवेट सेक्टर बैंकों से पैसे निकालने की जरूरत नहीं है। आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि यस बैंक के पास पर्याप्त नकदी है और अगर कोई जरूरत पड़ती है तो केंद्रीय बैंक उसकी पूर्ति करेगा।
ऐसा समझा जा रहा है कि शेयर बाजार में जारी जबरदस्त गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ हरकत में आया है। दास ने एक सवाल के जवाब में कहा कि Yes Bank और PMC Bank की तुलना नहीं की जा सकती है।