अप्रैल से संगम तीरे और परेड मैदान का क्षेत्र सेना के अधिकार में हो जाएगा। हालांकि संगम तक जाने का रास्ता, शौचालय आदि बाढ़ से पहले तक बना रहेगा। वहीं पातालपुरी अक्षय के रास्ते की पुलिया को जिला प्रशासन अधिग्रहीत करेगा। यह फैसला मेला प्राधिकरण की बैठक में लिया गया है।
कमिश्नर की अध्यक्षता में मेला प्राधिकरण की बैठक हुई
परेड मैदान स्थित आइट्रिपलसी में कमिश्नर डॉ. आशीष गोयल की अध्यक्षता में मेला प्राधिकरण की बैठक हुई। बैठक में प्रशासन ने पातालपुरी अक्षयवट के रास्ते की पुलिया के अधिग्रहण का मामला उठाया। इस पर सेना के अधिकारियों ने कहा कि 60 लाख का भुगतान करके प्रशासन उसे ले सकता है। बैठक में तय हुआ कि प्रशासन सेना को उसका भुगतान करके पुलिया का अधिग्रहण करेगा। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। उसका अधिग्रहण करके श्रद्धालुओं के लिए उसे डेवलप किया जाएगा।
परेड मैदान और गंगा किनारे की जमीन प्रशासन इसे खाली कर देगा
परेड मैदान और गंगा किनारे की जमीन के मामले में फैसला हुआ कि 31 मार्च तक प्रशासन इसे खाली कर देगा। फिर इसे सेना के हवाले कर दिया जाएगा। प्रशासन ने इस जमीन को सेना से माघ मेला कराने के लिए लीज पर लिया था। संगम स्नान के लिए रोजाना हजारों लोग पहुंचते हैं। इसलिए मेला खत्म होने के बाद भी संगम तक चकर्ड प्लेट की सड़क बनी रहेगी। साथ ही घाट पर चेंजिंग रूम और शौचालय बना रहेगा। बाढ़ से पहले इसे हटाया जाएगा। वहीं स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए सात गोताखोर संगम पर हर समय तैनात रहेंगे। प्रशासन स्वयं इसका खर्च वहन करेगा।
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