कोरोना वायरस के कहर से ऑटो सेक्‍टर की कंपनियों की उत्पादन योजनाओं पर गहरा असर पड़ा

बीते तीन महीनों से कोरोना वायरस के कहर की वजह से भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी लड़खड़ा गई है. इसका असर अलग-अलग सेक्‍टर पर देखने को मिल रहा है.

इससे ऑटो सेक्‍टर भी अछूता नहीं है. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बीते फरवरी महीने में ऑटो सेक्‍टर की थोक बिक्री 19 फीसदी लुढ़क गई.

फरवरी में अलग-अलग कैटेगरी में कुल 16,46,332 वाहन बिके जबकि फरवरी 2019 में यह आंकड़ा 20,34,597 वाहन था. इस महीने में यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री 7.61 फीसदी गिरकर 2,51,516 वाहन रही जो फरवरी 2019 में 2,72,243 वाहन थी. कारों की बिक्री 8.77 फीसदी घटकर 1,56,285 वाहन रही जो पिछले साल फरवरी में 1,71,307 वाहन थी.

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की वाहन बिक्री फरवरी में 2.34 फीसदी घटकर 1,33,702 वाहन रही. वहीं उसकी प्रतिद्वंदी कंपनी हुंडई मोटर इंडिया की बिक्री में भी 7.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 40,010 वाहन रही. बाजार में नई आने वाली किआ मोटर्स बिक्री के मामले में तीसरे स्थान पर रही. फरवरी में कंपनी ने 15,644 वाहन बेचे.

दोपहिया श्रेणी में फरवरी में बिक्री 19.82 फीसदी गिरकर 12,94,791 इकाई रही. पिछले साल फरवरी में 16,14,941 दोपहिया वाहन बिके थे. सबसे बड़ी दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की कुल दोपहिया वाहन बिक्री फरवरी में 20.05 फीसदी घटकर 4,80,196 वाहन रही.

जबकि प्रतिद्वंदी होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया का बिक्री 22.83 फीसदी गिरकर 3,15,285 वाहन रही. इसी तरह चेन्नई की टीवीएस मोटर कंपनी की बिक्री फरवरी में 26.73 फीसदी टूटकर 1,69,684 वाहन रही.

सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने एक बयान में कहा, ‘‘ कंपनियों की थोक बिक्री में गिरावट की प्रमुख वजह आर्थिक नरमी और बीएस-4 वाहनों का उत्पादन घटना है.

वाहन पोर्टल पर मौजूद पंजीकृत वाहनों की संख्या के आधार पर बीएस-4 वाहनों की अंतिम समय की खरीद में कुछ बढ़ोत्तरी हो सकती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी के चलते चीन से कलपुर्जों की बाधित आपूर्ति भी चिंता का कारण है. इससे कंपनियों की उत्पादन योजनाओं पर असर पड़ सकता है. ’

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