वित्तिय संकट से जूझ रहे यस बैंक को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शनिवार को एक कार्ययोजना जारी की है। जिसके तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) इसमें निवेश करेगा। इसमें एसबीआई की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस योजना को यस बैंक रिकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 नाम दिया गया है। आरबीआई ने बैंक के शेयर होल्डर और निवेशकों से सुझाव मांगे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार भरोसा दिलाती है कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा। मैं आरबीआई से गुजारिश करती हूं कि वह कानून के मुताबिक इस मामले की गंभीरता और महत्व को समझते हुए ऐसा रास्ता निकाले जिससे लोगों की परेशानियां कम हों।
वित्त मंत्री ने कहा, यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित हैं, जमाएं और देनदारियां अप्रभावित रहेंगी। आरबीआई पता लगाएगा कि यस बैंक में क्या गलत हुआ। इसमें व्यक्तिगत भूमिका का पता लगाना होगा।
यस बैंक के वित्तीय संकट से जूझने की वजह से पुरी के जगन्नाथ मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु चिंतित हैं। बैंक में भगवान के 545 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे लेकर मंदिर के दैतापति (सेवक) विनायक दासमहापात्रा ने का कहना है कि ज्यादा ब्याज के लालच में निजी क्षेत्र के बैंक में इतनी बड़ी राशि जमा कराई गई है। उन्होंने ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ जांच की मांग की है।
राजकोट महानगर पालिका ने स्मार्ट सिटी परियोजना के पैसे जमा करने के लिए साल 2017 में यस बैंक को चुना था। इसके लिए टेंडर जारी किया गया था। जिसके बाद यस बैंक में पैसे जमा होते रहे। फिलहाल बैंक के संकट में होने से महानगर पालिका के 164 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं।