बुंदेलखंड की नदियों में जलधारा रोककर अवैध खनन नहीं हो रहा है। न ही कहीं जलीय जीव-जंतुओं के मरने की कोई सूचना है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान एक सवाल में यह जवाब दिया है। यह मामला राज्यसभा सदस्य विशंभर प्रसाद निषाद ने उठाया था।
विशंभर प्रसाद ने चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया कि बुंदेलखंड में केन नदी, बेतवा, यमुना, बागै और चंद्रावल नदियों में अवैध ढंग से जलधारा रोककर बालू ढोई जा रही है। वाहनों के लिए रास्ते बनाए गए हैं। इससे बड़ी संख्या में जलीय जीव-जंतु में खत्म हो रहे हैं। उन्होंने अवैध खनन मामले में तीन वर्षों में हुई कार्रवाई का ब्योरा भी पूछा। अधिकारियों व खनन माफिया की मिलीभगत के मामलों पर भी जानकारी मांगी।
इस पर पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जो सूचना दी है, उसके मुताबिक बुंदेलखंड की नदियों में न कहीं जलधारा रोकी गई है और न बालू ढोने के लिए अवैध रास्ते बनाए हैं। जलीय जीव-जंतुओं के मरने की भी कोई मामला संज्ञान में नहीं आया।
–बालू माफिया बागै, केन व चंद्रावल नदियों में जलधारा रोककर अवैध ढंग से खनन कर रहे हैं। बालू माफिया, अधिकारी और सफेदपोश की साठगांठ है। राज्य व केंद्र की सरकारों के पास कोई जानकारी नहीं है। यह बड़े ताज्जुब की बात है। -विशंभर प्रसाद निषाद, राज्य सभा सांसद