एक्सपर्ट ने बताया कि इसका कारण अच्छा करियर, उच्च स्तर का जीवन जीना और देरी से मां बनना है। वहीं शहर में रहने वाले पढ़े लिखे जोड़े अपने उम्र के 30s और शुरुआती 40s में डॉक्टर के पास पहले बच्चे की प्लेनिंग करने के लिए आते हैं। दिल्ली की गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर अर्चना धवन का कहना है कि ज्यादातर जोड़े देरी से बच्चा करना चाहते है क्योंकि वे अपना करियर बनाना चाहते है या वे शादी ही देर से करते हैं। वहीं कुछ जोड़े एक ही बच्चे से खुश है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 54 प्रतिशत महिलाओं के दो बच्चे थे। वहीं 25 से 29 साल के बीच की 16 प्रतिशत महिलाओं के एक भी बच्चे नहीं थे। पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की डायरेक्टर पूनम मुटरेजा का कहना है कि रोज बदलती जीवनशैली को देखते हुए लोगों में बच्चों को अच्छी पढ़ाई, अच्छे कपड़े, गैजेट्स और सभी तरह की लक्जरी देने के लिए वे दूसरा बच्चा करने के लिए सोचते हैं।