AFP के अलावा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO- World Health Organization) ने भी कोरोनावायरस पर अध्ययन किया और ये समझने की कोशिश की कि किस उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा है। अध्ययन में पाया गया कि चीन में जिन लोगों में ये वायरस मिला है वे अधिकतर लोग बुजुर्ग हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि मरीज पहले से ही दिल की बीमारी (जैसे- हाइपरटेंशन आदि) से ग्रस्त हैं।
यह स्टडी फरवरी के मध्य में शुरू हुई, जिसमें चीन के करीब 70 हजार मरीज शामिल हुए। अध्ययन में पाया गया कि करीब 44,700 मरीजों में से 80 फीसदी की न्यूनतम उम्र 60 साल से अधिक थी। कुछ की उम्र 70-80 साल भी देखी गई।
बता दें, इस अध्ययन को चाइना सीडीसी वीक्ली (China CDC Weekly) में प्रकाशित किया गया।
इतना ही नहीं दूसरे देशों में मिलते-जुलते आंकड़े नजर आए। जैसे इटली में 12 मरीजों की उम्र करीब 80 साल थी। और इन लोगों को भी दिल की कोई न कोई बीमारी थी।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ फोर्टी इंटरनेशनल सेंटर (US National Institute of Health’s Fogarty International Centre) के एपिडेमियोलॉजिस्ट Cecile Viboud ने वायरस के बारे में कहा कि 20 साल से कम उम्र के लोगों में वायरस का खतरा न होने की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।
चूंकि कोरोना फेफड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी है और बच्चों में फेफड़ों से जुड़ी अधिकतम बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा दिखता है। फिर भी ऐसा क्यों…? विशेषज्ञों के लिए हैरान कर देने वाली बात है।