भारत के सभी एटीएम से 2000 वाला कैसेट हटा दिया गया: बिजनेस स्टैंडर्ड

नोटबंदी के बाद चलाए गए 2000 रुपये के नोटों के भविष्य को लेकर एक बार चर्चा शुरू हो गई है. असल में बैंकों द्वारा अपने ऑटोमेटेड टेलर मशीनों (ATM) में बदलाव कर इनमें ऐसे नोटों की जगह 500 के नोटों को रखने की बड़े पैमाने पर कवायद चल रही है.

इसकी वजह से यह चर्चा फिर जोर पकड़ रही है कि क्या 2000 रुपये के नोट बंद जाएंगे? बिजनेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि देश भर के 2.40 लाख एटीएम मशीनों को बड़े पैमाने पर रीकैलिब्रेट कर उनमें 2000 रुपये के नोटों वाली जगह को हटाकर उनकी जगह 500 नोट रखने की कवायद चल रही है.

असल में एटीएम के अंद चार कैसेट होते हैं जिनमें 2000, 500, 200 और 100 रुपये के नोट रखे जाते हैं. अब नई व्यवस्था के अनुसार पहले तीन कैसेट में 500 रुपये के नोट रखे जाएंगे और चौथे में 200 या 100 रुपये के नोट रखे जा रहे हैं.

खबर के अनुसार, बहुत से एटीएम में 2000 वाला कैसेट हटा दिया गया है और एक साल के भीतर बाकी में से भी हटाया जा सकता है. अब जो 2000 के नोट आ रहे हैं उन्हें बैंकों के करेंसी चेस्ट में रखा जा रहा है, यानी उन्हें रिजर्व बैंक के वॉल्ट में वापस भेजा जा सकता है.

गौरतलब है कि नवंबर 2016 में मोदी सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के बाद 2017 की शुरुआत में 2000 रुपये के नोट चलाए गए थे. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017 की शुरुआत में कुल सर्कुलेटेड बैंक नोट का करीब 50 फीसदी हिस्सा 2000 के नोटों का था. लेकिन वित्त वर्ष 2019 में सर्कुलेटेड नोटों में 51 फीसदी हिस्सा 500 रुपये के नोट का हो गया.

सूत्रों का कहना है कि 2000 रुपये के नोट कानूनी रूप से बंद नहीं होंगे, बल्कि इन्हें सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. इसके अलावा एटीएम के कैसेट का बदलाव धीरे-धीरे हो रहा है. इसलिए बैंकों के कस्टमर्स को घबराने की जरूरत नहीं है.

इस महीने पब्‍लिक सेक्‍टर के इंडियन बैंक ने अपने ग्राहकों को सूचना दी है कि उसके  एटीएम मशीनों से अब 2 हजार रुपये के नोट नहीं निकलेंगे. बैंक ने एक सर्कुलर में बताया गया है कि आगामी 1 मार्च से इंडियन बैंक के ATM में 2,000 रुपये नोट रखने वाले कैसेट्स को हटा दिया जाएगा. बैंक ने यह फैसला अपने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया हैं.

इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक के साथ विलय होने वाला है. ये विलय 1 अप्रैल से अस्‍तित्‍व में आएगा. विलय के बाद यह सातवां सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा.

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