जितेंदर कुमार ने रविवार को एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के साथ ओलिंपिक क्वॉलिफायर के लिए भारतीय टीम में स्थान पक्का किया जिससे अनुभवी सुशील कुमार के लिए टोक्यो खेलों का द्वार बंद हो सकता है।
दो बार के ओलिंपिक मेडल विजेता सुशील ने चोट का हवाला देते हुए इस चैंपियनशिप में भाग नहीं लिया। पुरुष फ्रीस्टाइल स्पर्धा के दूसरे दिन भारत के खाते में कोई गोल्ड मेडल नहीं जुड़ सका, क्योंकि दीपक पूनिया (86 किग्रा) और राहुल अवारे (61 किग्रा) ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए।
कजाख्स्तान के गत चैंपियन दानियार कैसानोव के खिलाफ जितेंदर ने शानदार रक्षात्मक रणनीति अपनाई लेकिन आक्रमण की कमी दिखाई दी जिससे वह गत चैंपियन से 1-3 से हार गए।
हालांकि उनका प्रदर्शन राष्ट्रीय महासंघ को भरोसा दिलाने के लिए काफी था कि उन्हें ओलिंपिक क्वॉलिफायर के लिए किर्गिस्तान के बिशकेक जाना चाहिए और इस वर्ग के लिए दोबारा ट्रायल की जरूरत नहीं पड़ी।
इसका मतलब है कि दो बार के ओलिंपिक पदकधारी सुशील कुमार (वह भी 74 किग्रा में खेलते हैं) को इंतजार करके देखना होगा कि जितेंदर बिशकेक में कैसा प्रदर्शन करते हैं जिसमें फाइनल में पहुंचने वाला पहलवान तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर लेगा।
अगर जितेंदर वहां गोल्ड मेडल के मुकाबले तक पहुंच जाते हैं तो इससे सुशील का रास्ता बंद हो जाएगा जो 2018 एशियाई खेलों के बाद से जूझ रहे हैं। अगर जितेंदर बिशकेक में ओलिंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाते हैं तो अंतिम मौका अप्रैल में विश्व क्वॉलिफाइंग प्रतियोगिता के जरिए मिलेगा।
जितेंदर ने कहा, ‘मैंने अंत में एक प्रयास करने की कोशिश की लेकिन ठीक से नहीं कर पाया। मेरे खेल में सुधार हुआ है और यह दिखता भी है। यह सिल्वर विशेष है। अब मैं ओलिंपिक कोटा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।’
जितेंदर ने अपना क्वॉलिफिकेशन मुकाबला आसानी से जीत लिया था। इसके बाद उन्होंने ईरान के मुस्तफा मोहाबाली हुसेनखानी और मंगोलिया के सुमियाबजार जांदनबड (2-1) को शिकस्त दी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बीबी शरण सिंह ने कहा, ‘हम पुरुष फ्रीस्टाइल में किसी वर्ग में ट्रायल नहीं कराएंगे। हम देखेंगे कि बिशकेक में हमारे पहलवान कैसा प्रदर्शन करेंगे।’
विश्व चैंपियनशिप के सिल्वर मेडल विजेता दीपक को 86 किग्रा सेमीफाइनल में जापान के शुतारो यामादा से हार का सामना करना पड़ा। दीपक ने टखने की चोट के कारण विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में ईरान के हसन याजदानी को वाकओवर दे दिया था और तब से यह उनकी पहली प्रतियोगिता है।
इसा अब्दुलसलाम अब्दुलवहाब अल ओबैदी के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल की भिड़ंत में उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की। पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले दीपक ने कहा, ‘मैंने चोट की वजह से ज्यादा ट्रेनिंग नहीं की थी जो मुझे ट्रेनिंग के दौरान लगी थी। मेरी आंख के ऊपर छह टांके लगे थे।’
नूर सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले राहुल ने गैर ओलिंपिक 61 किग्रा वर्ग के क्वॉर्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के जाहोंगीरमिर्जा तुरोबोव पर 11-9 से जीत हासिल की। लेकिन वह सेमीफाइनल में किर्गिस्तान के उलुकबेक झोलदोशबेकोव से 3-5 से हार गए।
उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में ईरान के माजिद अलमास दास्तान को 4-2 से शिकस्त दी। सतेंदर ने 125 किग्रा वर्ग में अपना क्वॉलिफिकेशन मुकाबला जीता लेकिन वह क्वॉर्टर फाइनल और फिर रेपेचज दौर में हार गए। सोमवीर की 92 किग्रा वर्ग में चुनौती केवल 24 सेकंड तक ही टिक सकी और वह उज्बेकिस्तान के प्रतिद्वंद्वी अजीनीयाज सापारनियाजोव से पराजित हुए।