भगवान आशुतोष के पावन पर्व महाशिवरात्रि पर आज शुक्रवार को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई। आगामी 29 अप्रैल को भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के कपाट खुलेंगे। मेष लग्न में सुबह 6:10 पर मंदिर का द्वार आम दर्शनों के लिए खोला जाएगा। इसके बाद छह माह तक अराध्य की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी।
इसके लिए ओंकारेश्वर मंदिर में खास तैयारियां की गई हैं। सुबह से ही आराध्य की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। प्रात: नौ बजे के बाद रावल गद्दी परिसर में हक-हकूकधारियों, आचार्यगणों, बीकेटीसी के पदाधिकारियों की मौजूदगी में पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय की। इसके बाद अब बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति के चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर धाम प्रस्थान का दिन भी तय किया जाएगा।
केदारनाथ यात्रा के सकुशल संचालन एवं विश्व कल्याण के लिए ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में महायज्ञ कर आहुतियां दी जा रही हैं। दोपहर को धार्मिक कार्यक्रमों के बाद शाम छह बजे से ओंकारेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी।
चारों पहर भगवान शिव की विशेष पूजा की जा रही है। रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि के पर्व पर धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के तहत भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है।
महाशिवरात्रि पर श्रीकेदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा तैयारियों का श्रीगणेश भी शुरू हो जाता है। शासन, प्रशासन, श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के साथ केदारघाटी समेत अन्य लोग भी यात्रा में रोजगार को लेकर अपनी तैयारियों में जुट जाते हैं।
वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि बाबा की यात्रा तिथि घोषणा के दिन से केदारघाटी में उल्लास का माहौल हो जाता है। यात्रा से हजारों परिवारों की आजीविका से जुड़ी है।
गौरीकुंड से केदारनाथ व केदारपुरी में बिजली लाइन को व्यापक क्षति पहुंची है। ऊर्जा निगम ने प्रारंभिक तौर पर नुकसान का आकलन 50 से 80 लाख तक का है। यह आंकड़ा और अधिक भी हो सकता है, क्योंकि अभी भीमबली से केदारनाथ तक भारी बर्फ होने से बिजली लाइन की क्षति की स्पष्ट जानकारी नहीं है।
बीते वर्ष 12/13 दिसंबर को हुई सीजन की पहली भारी बर्फबारी में ही गौरीकुंड से केदारनाथ तक 17 किमी रास्ते पर बिजली के पोल, तारें जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद ऊर्जा निगम द्वारा लाइन की मरम्मत के प्रयास भी किए गए, लेकिन पुन: बर्फबारी से स्थिति और भी खस्ताहाल हो गई।
गौरीकुंड कस्बे से आधा किमी आगे से विद्युत लाइन के पोल टूटकर रास्ते किनारे पड़े हैं। इसके अलावा भीमबली से केदारनाथ तक 9 किमी क्षेत्र में भी बिजली लाइन को भारी क्षति पहुंची है, लेकिन कई फीट बर्फ जमा होने के कारण अभी नुकसान का स्पष्ट आकलन नहीं हो रहा है।
ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता मोहित डबराल ने बताया कि गौरीकुंड से भीमबली तक क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन की मरम्मत के लिए 23 लाख का प्रस्ताव तैयार कर कार्य शुरू भी कर दिया गया है। बताया कि भीमबली से केदारनाथ व केदारपुरी में बर्फ सफाई के बाद नुकसान की सही स्थिति साफ हो पाएगी।