शिवरात्रि इस बार 21 फरवरी को मनाई जा रही है। इसके लिए मंदिरों में तैयारियां शुरू हो चुकी है। शिवरात्रि से पहले हम आपको भारत के कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जहां पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। देवों के देव महादेव त्रिदेवों में एक देव हैं। महादेव को भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ जैसे कितने ही नाम हैं जिनसे भक्त उन्हें पुकारते हैं।अगर शिवरात्रि पर किसी एक मंदिर में भी आप दर्शन कर पाए तो खुद को धन्य समझिए।
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर बेहद प्राचीन मंदिर है। यह मान्यता है कि इस मंदिर को राजा जजाति केसरी द्वारा बनवाया गया था, जो सोमवंशी थे। इस मंदिर को बाद में गंगा राज्य के राजा द्वारा सुधारा गया था। यह मंदिर कम से कम 1 हजार साल पुराना है। वर्तमान मंदिर का ढांचा 11 वीं सदी में बनाया गया था।
नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेष
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है नीलकंठ महादेव का मंदिर। यह मंदिर वैदिक काल से शिव की धरती कहे जानेवाले ऋषिकेष की सीमाओं में आता है। इस मंदिर का पौराणिक महत्व है। यही वह स्थान है, जहां भगवान शिव ने समुद्र मंथन में निकला विष धारण करने के बाद विश्राम किया। हलाहल विष पेट में न जाए, इसके लिए शिवजी ने उसे गले में ही रोक लिया, जिससे उनका गला नीला पड़ गया। इसी कारण यहां स्थित शिवलिंग को नीलकंठ महादेव के नाम से जाना जाता है।
वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह हजारों वर्षों से हिंदू धर्मावलंबियों में विशिष्ट स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आदि शंकराचार्य, सन्त एकनाथ रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्वामी तुलसीदास सभी का आगमन हुआ हैं। यहीं पर सन्त एकनाथजी ने वारकरी सम्प्रदायका महान ग्रन्थ श्रीएकनाथी भागवत लिखकर पूरा किया।
भीमाशंकर, महाराष्ट्र
भगवान भीमाशंकर का मंदिर महाराष्ट्र के भोरगिरी गांव में स्थित है जो सहयाद्री घाट के क्षेत्र में स्थित है। यह 3250 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है। यह मंदिर नगाड़ा आर्किटेक्ट स्टाइल में बना हुआ है। यह मंदिर घने जंगलों से घिरा हुआ है। इस मंदिर में पुणे एयरपोर्ट से बस या ऑटो की मदद से पहुंचा जा सकता है।
भूतनाथ मंदिर
भगवान शिव को समर्पित बाबा भूतनाथ का मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना की कहानी बहुत ही रोचक है। कहते हैं कि 15वीं शताब्दी में राजा अजबनेर को सूचना मिली कि शहर में एक स्थान पर जाकर जब गाय खड़ी होती है तो वहां उसके दूध की धारा स्वयं ही बहने लगती है। इस पर जब राजा ने वहां छान-बीन और खुदाई कराई तो पता चला कि यहां जमीन के नीचे एक शिवलिंग स्थित है और इस शिवलिंग की महिमा से ही गाय यहां दूग्ध की धारा बहाती थी। तब राजा अजबनेर ने शिखारा शैली में इस मंदिर का निर्माण कराया।