यूपी बोर्ड परीक्षा में इस बार बंदियों और कैदियों के लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इससे पुलिस महकमे ने रहात की सांस ली है। अभी तक प्रत्येक जिले में परीक्षा देने वाले बंदी या कैदी को पुलिस कर्मी संबंधित परीक्षा केंद्र पर ले जाते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इसके लिए एक केंद्र केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) को बनाया गया है। मंगलवार से यहां विभिन्न जिलों के दर्जनों बंदी एक हॉल में बैठकर परीक्षा देने के लिए पहुंच गए हैं। कानपुर जिला कारागार से सोमवार को चार बंदी सेंट्रल जेल रवाना कर दिए गए। इसमें दो बंदियों ने हाईस्कूल और दो ने इंटरमीडिएट का परीक्षा फार्म भरा था।
कानपुर में जेल में 60 बंदी कर रहे पढ़ाई
जिला जेल में करीब 60 बंदी पढ़ाई लिखाई करके अपना जीवन सुधारने की कोशिश में जुटे हैं। जेल सूत्रों ने बताया कि दो बंदियों अनिकेत और राजीव कुमार ने पिछले वर्ष हाईस्कूल का और दो बंदियों नितिन कुमार उर्फ शालू और एक अन्य ने इंटर की बोर्ड परीक्षा का फार्म भरा था।
जेल प्रशासन ने उन्हें पढ़ाई करने के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराया और अब मंगलवार से उनका इम्तिहान होना है। इसलिए सोमवार को ही बंदियों को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया। जेलर धीरज सिन्हा ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में केंद्रीय कारागारों को भी केंद्र बनाया गया है। कानपुर के अलावा वहां अन्य जिलों की जेलों के बंदी भी परीक्षा देने आएंगे। जब तक बोर्ड परीक्षाएं चलेंगी, ये बंदी सेंट्रल जेल में ही रहेंगे।
इग्नू के विभिन्न कोर्स कर रहे 50 बंदी
जेल में बंद करीब 50 बंदियों ने इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि) की ओर से संचालित विभिन्न कोर्सों में भी दाखिला लिया है। जेल अधिकारियों ने बताया कि उन बंदियों को इग्नू के सेंटर की ओर से किताबें व अन्य कोर्स मैटीरियल भी उपलब्ध कराए जा चुके हैं। आगे चलकर उनकी परीक्षा भी इसी तरह जेल के अंदर आयोजित कराई जाएगी।
पहले बंदी को केंद्र लेकर जाती थी पुलिस
पूर्व में यूपी बोर्ड या विश्वविद्यालयों के परीक्षा फार्म भरने वाले बंदियों को परीक्षा दिलाने के लिए पुलिस ही संबंधित केंद्र पर लेकर जाती थी और परीक्षा खत्म होने के बाद वापस जेल लेकर आती थी। जेलर बताते हैं कि अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है। अब प्रदेश में कई जिला कारागारों के परीक्षार्थियों के लिए किसी एक जेल को केंद्र बनाया जाता है।