लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में ठप पड़ा गरीबों का इलाज फिर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद संस्थान के अधिकारी हरकत में आए और असाध्य रोगों के नए-पुराने सभी मरीजों के इलाज का एलान किया।
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का असाध्य रोग का बजट फंसा था। तीन माह से धन मांगा जा रहा था, मगर नहीं मिल रहा था। इस दरम्यान संस्थान ने ढाई करोड़ खुद के खाते से खर्च कर दिए, मगर नए-पुराने मरीजों की बढ़ती लिस्ट देखकर धन के अभाव में इलाज रोक दिया गया। करीब 25 दिन से नए-पुराने मरीजों का मुफ्त इलाज बंद था। मामले को मुख्यमंत्री ने संज्ञान में लिया। उन्होंने मरीजों को तुरंत इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया। इसके बाद निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने गुरुवार से ही मरीजों के इलाज का निर्देश दे दिया।
सैकड़ों मरीजों को मिलेगी राहत
असाध्य रोग योजना के तहत कैंसर, लिवर, हृदय व किडनी रोग का मुफ्त इलाज किया जाता है। सुविधा बंद होने से सैकड़ों पुराने मरीजों का इलाज फंस गया था। उनकी एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी,ऑपरेशन, डायलिसिस, दवा व जांच मुफ्त होने लगेगी।
किडनी ट्रांसप्लांट भी होगा मुफ्त
नए असाध्य रोगियों का पंजीकरण शुरू कर दिया गया। वहीं, बजट की डंप फाइलों को तत्काल पास करने के निर्देश दिए गए। योजना के दायरे में आए रोगियों का किडनी ट्रांसप्लांट भी मुफ्त होगा।
अब तक यह मिला बजट
लोहिया संस्थान को 2018-19 में असाध्य रोग मद में नौ करोड़ रुपये मिले थे, वहीं 2019-20 में आठ करोड़ मिले थे। संस्थान ने लगभग ढाई करोड़ रुपये पास से भी खर्च किए हैं।