हिंदू धर्म में शनिवार के दिन कर्म फलदाता शनिदेव के पूजन को शुभ माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले कामों और उसका फल देने वाले शनिदेव ही हैं. ऐसा कहा जाता है कि कर्म फलदाता शनिदेव को प्रसन्न करके कोई भी व्यक्ति जीवन के सभी कष्टों को खत्म कर सकता है. विशेषकर जिन लोगों को करियर, धन और पारिवारिक समस्याएं होती हैं उन्हें शनिदेव का पूजन करने की सलाह दी जाती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों के साथ शनिदेव का पूजन किया जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं शनिवार के दिन किन खास मंत्रों और विधि से शनिदेव का पूजन करना चाहिए.
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप
– “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
– “ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये सय्योंरभीस्रवन्तुनः
– सूर्य पुत्र शनिदेव की उपासना करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है.
– मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन प्रातः काल उठकर शिवजी की उपासना करनी चाहिए.
– जिन लोगों को आर्थिक समस्याएं होती हैं उन्हें शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करके, सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
– जो लोग सुबह शनि की उपासना नहीं कर पाते हैं वह शाम को शनिदेव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
– शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों को दिया जलाना चाहिए.
– शनिदेव की पूजा कभी भी मूर्ति के सामने नहीं करनी चाहिए.
– शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा हमेशा उसी मंदिर में करें जहां पर वह शिला के रूप में विराजमान हों.
– प्रतीक रूप में शमी के या पीपल के वृक्ष की आराधना करनी चाहिए.
– शनि देव की पूजा करते वक्त सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है, लेकिन बिना किसी कारण शनि शिला पर सरसों को तेल नहीं डालना चाहिए.
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