दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतगणना जारी है. इस बार दिल्ली में कई नेताओं ने चुनाव से पहले पाला बदल लिया था और चुनाव के वक्त अपनी पार्टी छोड़कर टिकट की फिराक में दूसरी पार्टियों में चले गए. कई नेता पहले ही अपनी पार्टी छोड़ चुके थे. इस बार ऐसे नेताओं को जनता ने क्या संदेश दिया. कैसा जनादेश रहा. हम आपको विस्तार से बताएंगे.
अलका लांबा-
–ताजा जानकारी के मुताबिक चांदनी चौक से अलका लांबा इस वक्त पीछे चल रही हैं.
कभी आम आदमी पार्टी की बड़ी नेताओं में शामिल रहीं अलका लांबा चुनाव से पहले AAP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई. वो 2015 में AAP के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव जीतकर विधायक बनीं थी. इस बार वो कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रही हैं.
प्रहलाद साहनी- अलका लांबा AAP से कांग्रेस में आ गईं तो यहां से कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद साहनी AAP में आ गए. इस बार में AAP के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रहे हैं.
कपिल मिश्रा-
-मॉडल टाउन से बीजेपी कैंडिडेट कपिल मिश्रा भी पीछे चल रहे हैं.
कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए हैं. कपिल मिश्रा ने पिछला विधानसभा चुनाव AAP के टिकट पर लड़ा था. लेकिन बाद में सीएम अरविंद केजरीवाल से अनबन के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.
आदर्श शास्त्री-
-द्वारका सीट से कांग्रेस कैंडिडेट आदर्श शास्त्री पीछे चल रहे हैं.
2015 के विधानसभा चुनाव में आदर्श शास्त्री ने द्वारका सीट से 40 हजार वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी. इस बार आप ने उनका टिकट काट दिया. इसके साथ ही यहां तेजी से समीकरण बदले. आदर्श शास्त्री कांग्रेस में गए. उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया है
राजकुमारी दिल्लन- राजकुमारी दिल्लन कांग्रेस की नेता हुआ करती थीं. लेकिन इस बार चुनाव से पहले वे AAP में आ गईं. उन्हें AAP ने इस सीट से टिकट दिया गया है.
अनिल वाजपेयी-
गांधी नगर से अनिल वाजपेयी आगे चल रहे हैं.
अनिल वाजपेयी पिछली बार गांधी नगर सीट से AAP के टिकट पर चुनाव जीते थे. वे इस बार बीजेपी के टिकट से मैदान में हैं.
राम सिंह नेता जी– बदरपुर सीट से कांग्रेस के नेता रहे राम सिंह नेता जी को इस बार AAP में हैं. उन्हें AAP ने टिकट दिया है.
शोएब इकबाल: शोएब इकबाल 2015 में कांग्रेस से उम्मीदवार थे. इस बार वे आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं.