प्रदेश के विधायक अंजान हैं और उनके फर्जी लेटरपैड का इस्तेमाल करके अफसरों पर रौब जमाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला दोबारा हमीरपुर में सामने आया है। इस बार कन्नौज तिर्वा के विधायक के नाम का इस्तेमाल किया गया है, इससे पहले एटा के विधायक का लेटरपैड सामने आया था। अफसरों की क्रास चेकिंग में प्रकरण संज्ञान में आने के बाद विधायक भी दंग हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया है। हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आ सका है कि ऐसे फर्जी लेटरपैड का इस्तेमाल कौन और क्यों कर रहा है।
हमीरपुर डीपीओ की शिकायत से खुला सच
कुछ दिन पहले कन्नौज के तिर्वा विधायक कैलाश सिंह राजपूत के लेटरपैड पर हमीरपुर के डीपीओ की शिकायत की गई थी। इसमें उनपर धन वसूली के आरोप लगाया गया था। इसपर मामला संज्ञान में लेकर अफसरों ने जांच कराई। वहीं डीपीओ ने जब तिर्वा विधायक से बात की तो उन्होंने ऐसे किसी शिकायती पत्र से इंकार कर दिया। वहीं फर्जी लेटरपैड पर शिकायत की जानकारी पर विधायक भी दंग रह गए। इसपर विधायक ने मुख्यमंत्री को भी पत्र भेज कर प्रकरण की जानकारी दी है।
लेटरपैड पर लिखी धन उगाही की बात
डीपीओ ने मोबाइल फोन पर विधायक को शिकायती पत्रों की फोटो भेजी। डीपीओ की शिकायत के लिए भेजे गए पत्र संख्या ख 6,560867 और ख 6560862 में विधायक भी फर्जी हस्ताक्षर देखकर हैरान रह गए। इस शिकायती पत्र में आंगनबाड़ी कर्मचारियों से पैसे वसूले जाने और अन्य आरोप भी लगाए गए हैं। डीपीओ का कहना है कि कन्नौज के विधायक के लेटरपैड पर शिकायत से शक होने पर बात की और पत्र की फोटोकॉपी भेजी है। डीपीओ ने बताया कि पहले भी एटा विधायक के लेटरपैड पर फर्जी शिकायत की गई थी। जांच में फर्जी लेटरपैड निकलने पर पर्दाफाश हुआ था।
शिकायतों पर गंभीर हैं अधिकारी
हमीरपुर सीडीओ आरके सिंह कहते हैं कि विधायकों के लेटरपैड पर मिलने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है। संबंधित विधायक से बात करने के बाद शिकायत की जांच कराई जाती है। अच्छा रहा कि विधायक से पहले ही बातचीत से फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। ऐसे फर्जी पत्र बनाकर भेजने वालों के बाबत पता करने का प्रयास किया जा रहा है।
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