ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर जाने का रास्ता साफ हो गया है. ब्रिटेन की संसद से इसके लिए पारित ब्रेग्जिट बिल को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने मंजूरी दे दी है. महारानी की मंजूरी के बाद अब यह बिल कानून बन गया है.

समाचार एजेंसियों के अनुसार महारानी एलिजाबेथ ने गुरुवार को इस बिल को मंजूरी दे दी. सरकार ने देश के दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह प्रस्ताव महारानी के पास भेजा था. महारानी की मंजूरी के साथ ही अब यह तय हो गया है कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन का दशकों पुराना नाता 31 जनवरी को टूट जाएगा.
गौरतलब है कि बुधवार को यह बिल निचले सदन हाउस ऑफ कामन्स ने पारित कर दिया था. निचले सदन ने ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स की ओर से बिल में जोड़ी गई बातों को भी बदल दिया था. इस बिल के दोनों सदनों से पारित होने के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सुनहरे भविष्य के निर्माण में जुटने का संकल्प व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि एक समय ब्रेग्जिट की प्रक्रिया का पूरा होना असंभव लगने लगा था, लेकिन हमने इसे पूरा कर लक्ष्य प्राप्त किया. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में दुनिया के अलग-अलग देशों से वार्ता कर अधिक स्वतंत्र रूप से बेहतर समझौते करने की बात कही गई है.
ब्रेग्जिट के साथ ही 31 जनवरी को ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा. ब्रिटेन साल 1973 में यूरोपीय यूनियन का सदस्य बना था. यूरोपीय यूनियन में अभी 28 सदस्य हैं. ब्रिटेन यूनियन से अलग होने वाला पहला देश बन गया है. बता दें कि ब्रेग्जिट के मुद्दे पर साल 2016 में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें 50 फीसदी लोगों का मत था कि ब्रिटेन को ईयू से अलग हो जाना चाहिए था.
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