भारत सरकार ने पिछले साल हानिकारक बताकर जिस डीडीवीपी कीटनाशक पर प्रतिबंध लगाया था, वह अब पड़ोसी मुल्क से आए टिड्डियों के सफाये में सबसे अधिक असरदार साबित हुआ है। राजस्थान और गुजरात के पश्चिमी छोर पर पाकिस्तान से घुसे टिड्डियों के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान हो रहा था।
प्रतिबंधित डाईक्लोरोविनाइल डाईमिथाइल फॉस्फेट (डीडीवीपी) कीटनाशक के छिड़काव से इन टिड्डियों का सफाया कर दिया गया है। गौरतलब है कि देश में डीडीवीपी कीटनाशक का आयात और निर्यात जनवरी 2019 में रोक दिया गया था और दिसंबर 2020 तक डीडीवीपी को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था। खाद्य पदार्थों के लिए हानिकारक बताकर इस पर रोक लगाई गई थी। हालांकि जापान, अमेरिका और कनाडा में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
यूनाइटेड फॉस्फोरस लि. (यूपीएल) की 25 एक्सपर्ट टीमों ने आदर्श फार्म सर्विसेज की अत्याधुनिक फॉल्कन मशीनों से 35 से ज्यादा गांवों में डीडीवीपी व क्लोरोपेरिफॉस के साथ अन्य कीटनाशकों का दो तरह से छिड़काव किया।
पहला जब टिड्डियां फसलों पर बैठती थी तब और दूसरा आराम करने के लिए वह जिस पेड़ और बंजर जमीन पर बैठती थीं, वहां यह दवा गिराई गई। इस अभियान में जिला कलेक्टर की टीम, कृषि विभाग, केंद्रीय टिड्डी नियंत्रण टीम और हॉर्टिकल्चर विभाग ने भी किसानों के साथ मिलकर काम किया।
टिड्डियों के प्रकोप से गुजरात के मेहसाणा, कच्छ, पाटन, साबरकांठा तथा राजस्थान के बाड़मेर, श्रीगंगानगर, जालौर, हनुमानगढ़ और चिरू जिले में हाहाकार मच गया था।