मकर संक्रांति के पर्व को लेकर पिछले कई वर्ष से ऊहापोह की स्थिति बन रही है। कुछ लोग 14 जनवरी को निर्धारित तिथि पर मकर संक्रांति मना रहे हैं तो बहुत से लोग हिंदी कैलेंडर के मुताबिक कुछ वर्षों से 15 जनवरी को पर्व मना रहे हैं। मकर संक्रांति के मौके पर पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। लिहाजा मंगलवार (14 जनवरी 2020) को वाराणसी, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत देश के विभिन्न घाटों पर लोग आस्था की डुबकी लगाते दिखे। इस मौके पर कई जगह लंगर लगाकर खिचड़ी वितरित की गई।

14 जनवरी को आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं में बहुत से ऐसे भी हैं जो मकर संक्रांति का पर्व तो 15 जनवरी को ही मनाएंगे, लेकिन एक दिन पहले ही वह पवित्र घाटों पर पहुंच चुके हैं। मालूम हो कि देश में ज्यादातर जगहों पर 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। तस्वीरों में देखिये कैसे अलग-अलग स्थानों पर मकर संक्रांति मना रहे लोग।
मुजफ्फरनगर में तीर्थ नगरी शुकतीर्थ में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गंगा स्नान के बाद पूजन करती युवतियां।
मकर संक्रांति के अवसर पर नई फसल आते ही किसानों के घर खुशहाली छा जाती है। शीत ऋतु की विदाई का संकेत देने वाला यह त्योहार नई ऊर्जा और उत्साह का उत्सव बन जाता है। गौर करें, तो प्रकृति में सदैव उत्सव चल रहा होता है। पेड़-पौधों पर विभिन्न रंग के फूल हर दिन खिल रहे होते हैं, पुराने पत्तों की जगह नई कोंपलें ले रही होती हैं। इस उत्साह और ऊर्जा से ही हमारे जीवन में हर दिन, हर क्षण नवविचार का संचार होता है…
वाराणसी के दशाश्वमेध सहित आसपास के घाटों पर मंगलवार को सुबह से ही लोग गंगा स्नान करके पूजा व दान कर रहे हैं।
हरियाणा में भी मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी की परंपरा है। पतंगबाजी में हर उम्र के लोग भाग लेते हैं। हरियाणा के झज्जर में पतंगबाजी का आनंद लेते बच्चे।
हरिद्वार के हरकी पैड़ी में मकर संक्रांति स्नान के लिए उमड़ी भीड़।
कोलकाता में मकर संक्रांति पर्व से पहले गंगा सागर मेले में डुबकी लगाते हुए श्रद्धालु।
हिमाचल प्रदेश में जिला मंडी के तत्तापानी स्थित गर्म पानी के चश्मों में स्नान करते लोग। मकर संक्रांति पर यहां हजारों लोग तुलादान और आस्था की डुबकी लगाने जुटते हैं।
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