प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच आज कोलकाता में राजभवन में मुलाकात हुई. दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तकरार है.
केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सीएए के पक्ष में कैंपेन चला रही है तो वहीं टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी लगातार सीएए के खिलाफ रोड शो कर रही हैं. मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से सीएए, एनपीआर और एनआरसी वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि कुछ वित्तीय मामलों को लेकर भी मैंने चर्चा की.
आज ही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंचे तो सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता हवाई अड्डे के बाहर और राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया. सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की छात्र इकाई, युवा कांग्रेस और एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और मांग की कि उन्हें शहर में उतरने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.
एसएफआई के कार्यकर्ता यादवपुर विश्वविद्यालय, गोलपार्क, कॉलेज स्ट्रीट, हातीबगान और एस्प्लेनेड के पास हाथों में पोस्टर लेकर जमा हुए जिन पर ‘फासीवाद के खिलाफ छात्र’ जैसे नारे लिखे हुए थे. तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई टीएमसीपी ने कोलकाता में रानी रासमणि मार्ग पर सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ ‘धरना’ दिया.
प्रधानमंत्री की आज एयरपोर्ट पर राज्यपाल जगदीप धनखड़, राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम, बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष और बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अगवानी की. पीएम मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल होंगे.
यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी हावड़ा जिले में रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में रात गुजार सकते हैं. मिशन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अगर मोदी मठ में रात गुजारते हैं तो ऐसा करने वाले वह संभवत: पहले प्रधानमंत्री होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कई दूसरे प्रधानमंत्री भी कई बार मठ आ चुके हैं लेकिन कोई भी रात में यहां नहीं ठहरा था.