ईरान की प्रसिद्ध मस्जिद-ए-कुम पर लाल झंडा लगा दिया गया है. लाल झंडा खुद ईरानी सरकार ने लगाया है. इस मस्जिद में लाल झंडा फहराने का मतलब है ऐलान-ए-जंग. यानी इस झंडे को फहरा कर ईरान ने एक तरह से अमेरिका के खिलाफ जंग का एलान कर दिया है. ईरान ने ये क़दम अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए उठाया है. अब पूरी दुनिया की निगाह इस बात पर है कि ईरान आगे क्या करेगा?
ईरान की राजधानी तेहरान में मस्जिद-ए-कुम. उस मस्जिद पर लाल झंडा फहराया गया है. जानते हैं लाल झंडा किसने फहराया? खुद ईरान की सरकार ने. आपको शायद पता ना हो पर पूरे ईरान में लोग जानते हैं कि इस मस्जिद में लाल झंडा फहराने का मतलब क्या होता है. ये लाल झंडा दरअसल ऐलान-ए-जंग है. यानी जंग का बिगुल. ईरान सरकार ने ये झंडा फहरा कर ईरानी अवाम और सेना को ये पैगाम दे दिया है कि मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने अनेरिका के खिलाफ जंग का बिगुल बजा दिया है.
इधर, ये लाल झंडा फहराया गया और उधर कुछ देर बाद ही मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की जगह कुद्स फोर्स के नए चीफ बनाए गए जनरल इस्माइल घानी ने बाकायदा अमेरिका के नाम एक पैगाम जारी कर दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि मेजर जनरल कासिम सुलेमानी और डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस और उनके साथ शहीद हुए एक एक जांबाज़ सिपाही के खून के एक-एक क़तरे का हिसाब लिया जाएगा. बस इंतज़ार कीजिए.
आयतुल्लाह खुमैनी के बाद ईरान के दूसरे सबसे लोकप्रिय शख्स कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी और मोबलाइजेशन फोर्स के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस की मौत के बाद से ईरान में क्या संसद, क्या सड़क, हर जगह लोग बस एक ही नारा लगा रहे हैं- डेथ टू अमेरिका.
आपको बता दें कि 2-3 जनवरी की दरमियानी रात अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट के करीब जनरल कासिम सुलेमानी के काफिले पर हमला कर दिया था. जिसमें मेजर जनरल कासिल सुलेमानी और अबू महदी अल-मुहांदिस समेत 8 लोगों की मौत हो गई. उसके बाद उनकी लाशों को बगदाद, करबला और नजफ़ होते हुए ईरान लाया गया. जहां ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला खुमैनी ने खुद नमाज़-ए-जनाज़ा पढाई. इसके बाद उनको दफ्ना दिया गया.
कासिम सुलेमानी सीरिया से बगदाद इराक के कार्यकारी प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल मेहदी के बुलावे पर ईरानी रक्षा विशेषज्ञ की हैसियत से पहुंचे थे. लिहाज़ा इराक की ही ज़मीन पर अमेरिका के इस हमले को इराकी प्रधानमंत्री ने भी राजनीतिक हत्या करार देते हुए. अमेरिकी सेना को फौरन देश खाली करने का आदेश दे दिय़ा है.
दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के 52 ठिकानों पर निशाना लगा रखा है. और वो किसी भी जवाबी कार्रवाई का बदला इन ठिकानों पर ज़बरदस्त हमला करके देंगे. इराक के अमेरिकी सेना को वापस जाने के आदेश पर ट्रंप ने कहा है कि अगर इराक ने ऐसा किया तो उस पर ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे कि जैसे दुनिया में किसी पर नहीं लगाए गए.
खबर ये भी है कि ईरान मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के दफनाए जाने के इंतजार में खामोश था. अब पूरी दुनिया की नजरें ईरान की अगली कार्रवाई पर लगी हुई है.