माघ मेला-2020 में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन जल में स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस बार भी आएंगे। इनमें से कई के परिजन अपनों से बिछड़ जाते हैं। उन्हें ढूंढने में काफी दिक्कत भी होती है। संगम के घाटों के आसपास स्नान के दौरान विद्युत पोलों पर लिखे नंबर काम आ सकते हैं। ये पोल इन्हीं श्रद्धालुओं का सहारा बनेंगे। वह ऐसे कि लाखों की भीड़ में अगर आप परिजनों को फला खंभा नंबर के नीचे खड़ा कर स्नान करने गए हैं तो वापस आने पर आप वहां पहुंच सकेंगे, हां आपको बस खंभे का नंबर जरूर याद रहना होगा।
आठ स्नान घाटों के खंभों पर नंबर वाले फ्लेक्स लगाए जा रहे
माघ मेला के दौरान पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाने पर सभी कामना पूरी होती है। जब श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने नदी में जाते हैैं तो कपड़े, बैग आदि घाट पर स्वजन के साथ छोड़ देते हैैं। स्नान कर लौटते हैैं तो जिस स्थान पर परिजनों और सामान को छोड़े रहते हैैं, उस जगह को अक्सर भूल जाते हैैं। ऐसे में भीड़ में वे भटक जाते हैैं। विद्युत पोलों पर नंबर होने से वे जब कपड़े घाट पर उतारकर स्नान को जाएंगे तो नंबर वाले पोल को ध्यान में रखेंगे और स्नान कर लौटेंगे तो पोल पर लिखे नंबर से उस स्थान पर पहुंचने में उन्हें आसानी होगी। इसीलिए माघ मेला प्रशासन यह कवायद कर रहा है। आठ स्नान घाटों पर लगभग एक हजार खंभों पर नंबर वाले फ्लेक्स लगाए जा रहे हैैं।
बोले मेलाधिकारी
मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि संगम के सरकुलेटिंग एरिया समेत विभिन्न स्नान घाटों पर इसका एनाउंस भी होता रहेगा कि श्रद्धालु स्नान करने के दौरान जिस विद्युत पोल के पास अपना सामान रखें, उस पोल का नंबर जरूर याद रखें। इससे श्रद्धालु भटकने से बच सकेंगे।
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