अमेरिका और ईरान के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारा तो दो दिन बाद ही अमेरिकी दूतावास पर हमला हो गया. डोनाल्ड ट्रंप के शक की सूई ईरान पर ही गई. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को टारगेट 52 वाली धमकी दे रहे हैं.

वहीं ईरान के मंत्री मोहसिन जवादी ने अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा, दुनिया भर में कहीं भी ऐसी घटना हो तो उसकी निंदा की जानी चाहिए. ईरान के मंत्री ने कहा कि अमेरिका की ओर से हमें कई सालों से ऐसी धमकियां मिल रही हैं. हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है लेकिन हमारे साथ जो जैसा करता है हम उसे ऐसा ही जवाब देते हैं.
उधर, अमेरिका द्वारा बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निकट किए गए हवाई हमले के बाद न्यूयॉर्क में टाइम स्क्वेयर पर सैकड़ों की संख्या में युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारी जमा हुए. अमेरिकी हमले में ईरान के कमांडर की मौत हो गई थी और ईरान ने अब जवाबी कार्रवाई का प्रण लिया है.
प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर लिखा था, “‘रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, मानवीय जरूरतें, न कि अंतहीन युद्ध’ और ईरान के खिलाफ कोई युद्ध/प्रतिबंध नहीं’.”
कई युद्ध विरोधी संगठनों ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की निंदा करने के लिए रैली आयोजित करने में मदद की.
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