अगर कोई खरीदार नहीं मिला तो अगले 6 महीने में सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया बंद हो सकती है. यह दावा एअर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया है.
इस बीच, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया है कि उनका मंत्रालय आने वाले कुछ हफ्तों में एअर इंडिया के लिए रुचि पत्र जारी करने की कोशिश करेगा. उन्होंने कहा, “एअर इंडिया प्रथम श्रेणी की एयरलाइन है लेकिन उसके निजीकरण को लेकर कोई दो राय नहीं है. हम किसी निश्चित समयसीमा के अधीन नहीं हैं. हम जल्द से जल्द एअर इंडिया के विनिवेश की कोशिश कर रहे हैं.”
इससे पहले एअर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि 12 छोटे विमान खड़े हैं, इन्हें फिर से चलाने के लिए पूंजी की जरूरत है. एयरलाइन पर करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार विनिवेश के तौर – तरीकों पर काम कर रही है. अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करते हुए चेताया कि अगर अगले साल जून तक कोई संभावित खरीदार नहीं मिलता है तो एअर इंडिया भी जेट एयरवेज के रास्ते पर जा सकती है.
अधिकारी के मुताबिक निजीकरण की योजनाओं के बीच सरकार ने कर्ज तले दबी कंपनी में और पूंजी निवेश करने से इनकार कर दिया है. इसकी वजह से एयरलाइन को “किसी तरह” टुकड़ों में पूंजी की व्यवस्था करके काम चलाना पड़ रहा है. इसके लंबे समय तक चलने की संभावना नहीं है.