कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के ‘भगवा’ वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पलटवार किया और उनपर हिंदुत्व को बदनाम करने का आरोप लगाया. प्रियंका गांधी ने आज लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने भगवा धारण किया है, जो हिन्दू धर्म का चिन्ह है लेकिन उस धर्म में रंज, हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है.
प्रियंका ने कहा ‘‘मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि वह बदला लेंगे. उनके उस बयान पर पुलिस प्रशासन कायम है . इस देश के इतिहास में शायद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया .’’
उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने योगी ने भगवा वस्त्र धारण किये हैं . भगवा धारण किया है . यह भगवा आपका नहीं है . यह भगवा हिन्दुस्तान की धार्मिक आत्धयात्मिक परंपरा का है . यह हिन्दू धर्म का चिन्ह है . … उस धर्म में रंज, हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है .”
प्रियंका ने कहा, ”यह कृष्ण भगवान का देश है जो करूणा के प्रतीक हैं . भगवान राम करूणा के प्रतीक हैं . शिव जी की बारात में सब नाचते हैं . इस देश की आत्मा में हिंसा, बदला, रंज इन चीजों की जगह नहीं है . जैसे कृष्ण ने अर्जुन को प्रवचन दिया . महाभारत के युद्ध में जब वह महान योद्धा युद्ध के मैदान में खडे थे तब कृष्ण ने रंज और बदले की बात नहीं की . उन्होंने करूणा और सत्य की बात उभारी .”
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों को सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा था, “हम उनकी संपत्तियों को जब्त करेंगे क्योंकि कई चेहरों की वीडियो फुटेज के माध्यम से पहचान हुई है.”
बीजेपी का पलटवार
प्रियंका गांधी के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रियंका गांधी हिंदुत्व को बदनाम कर रही हैं. कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने कहा कि प्रियंका गांधी हिंसा में संलिप्त लोगों के साथ खड़ी हैं.
वहीं मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा, ”योगी आदित्यनाथ न सिर्फ भगवा धारण करते हैं बल्कि धर्म को पूरी समग्रता में अपने आचरण में धारण करते हैं. लेकिन प्रियंका गांधी जी आप जैसे लोग धर्म को क्या समझेंगे क्योंकि आपकी पार्टी और परिवार दोनों में धर्म का, संप्रदाय का राजनीतिक इस्तेमाल करने की संस्कृति रही है