नए साल में एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक तैयार करेगी सरकार

2019 में जिस तरह से प्याज ने आम आदमी और सरकार को परेशानी में डाला है, उससे सबक लेते हुए केंद्र सरकार 2020 में प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक तैयार करेगी। इससे सरकार को प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

150 रुपये के पार चली गई कीमतें

इस साल बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की कीमतें देश के कई हिस्सों में 150 रुपये प्रति किलो के पार चली गईं। अभी भी यह कई शहरों में 100-120 रुपये की दर से मिल रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2019 में सरकार ने 56 हजार टन प्याज का बफर स्टॉक रखा था, लेकिन मांग के चलते यह स्टॉक भी पूरा नहीं पड़ा। इसी के चलते सरकार को एमएमटीसी के जरिए विदेशों से प्याज का आयात करना पड़ा।

नेफेड को दी जिम्मेदारी

केंद्र सरकार ने नेफेड को यह बफर स्टॉक तैयार करने की जिम्मेदारी दे दी है। नेफेड रबी फसल आने के बाद सीधे किसानों से मार्च से जुलाई के बीच प्याज को खरीदेगा। इस साल प्याज की कीमतों में इसलिए बढ़ोतरी हुई, क्योंकि खरीफ की फसल 26 फीसदी कम हुई थी, इसके बाद देरी से आए मानसून और बारिश ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में फसल को बर्बाद कर दिया।

कीमतों में कमी के लिए भी उठाए कदम

सरकार ने अपनी तरफ से कीमतों में कमी करने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें से प्याज के निर्यात पर पाबंदी, व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट और सस्ती दरों पर प्याज को बफर स्टॉक से बेचना शामिल था। हालांकि अब सरकार का बफर स्टॉक भी पूरी तरह से खत्म हो चुका है। अब बाजार में केवल आयातित प्याज ही बेचा जा रहा है। सरकार ने 45 हजार टन प्याज को विदेश से आयात किया है।

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