यूपी की योगी सरकार ने CAA का किया समर्थन अब लेगे ये फैसला

नागरिकता कानून 2019 (CAA 2019 – Citizenship Act) के विरोध में देश के विभिन्न राज्यों में हुए प्रदर्शनों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भड़की हिंसा के बाद पीएफआई (PFI) का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।

सूत्रों का कहना है कि हिंसक प्रदर्शनों में पीएफआई की भूमिका को देखते हुए योगी सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश का गृह विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।

अब सवाल है कि पीएफआई है क्या? इसका इतिहास क्या है? उत्तर प्रदेश के अलावा ये देश के और किन राज्यों में सक्रिय है? सीएए 2019 पर उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा में पीएफआई की क्या भूमिका रही? इन सभी सवालों के जवाब आगे पढ़ें।

पीएफआई खुद को न्याय, आजादी और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले नव-समाज के आंदोलन के रूप में बताता है। इस संगठन की कई अलग-अलग शाखाएं भी हैं। जैसे महिलाओं के लिए – नेशनल वीमेंस फ्रंट (NWF –  National Women’s Front) और विद्यार्थियों/युवाओं के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI –  Campus Front of India)।

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