उम्मीदों पर दुनिया कायम है। उम्मीदों और अपेक्षाओं को लेकर आने वाला साल 2020 कई चीजों का आधार बना रहा। इन्सानी जीवन को सहज, सरल करने वाली और मानवता के कल्याण की खातिर तमाम खोज, शोध और नई तकनीक को हासिल करने का यह साल मानदंड बना रहा। दुनिया ने कल्पना की थी कि साल 2020 तक हम शून्य ऊर्जा खपत वाले कंप्यूटर चिप्स, हाइपरलूप, सुपरफोन जैसी चीजें हासिल कर लेंगे। हमारे शोधकर्ता समय से जरूर पीछे चल रहे हैं, लेकिन उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। आज नहीं तो कल, वे सारी चीजें हमारे पास होंगी। आइए, उनकी वर्तमान स्थिति पर डालते हैं एक नजर…
न्यूनतम ऊर्जा वाले कंप्यूटर चिप्स
2012 में इंटेल ने एक ऐसे सर्वव्यापी कंप्यूटिंग की भविष्यवाणी की जो 2020 तक लगभग शून्य ऊर्जा की खपत करेगा। वह समय लगभग आ भी चुका है, लेकिन फिलहाल अभी भी फोन को प्रतिदिन चार्ज करने की जरूरत पड़ती है। टॉप कंप्यूटर चिप में गिने जाने वाले आइ 9 इंटेल को 165 वाट ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। यह 65 इंच टेलीविजन का करीब दोगुना है।
सबके हाथ में मोबाइल
साल 2014 में एरिक्शन मोबिलिटी का अनुमान था कि 2020 तक धरती पर छह वर्ष से अधिक उम्र के 90 फीसद लोगों के पास मोबाइल होगा। विश्व बैंक के जुटाए आंकड़े के अनुसार पहली बार विश्व की जनसंख्या से अधिक मोबाइलधारक हैं। हालांकि मोबाइल के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों से भी दुनिया चिंतित हो चली है। अमेरिका सहित कई देशों में राष्ट्रीय अभियान चल रहा है जिसके तहत अभिभावकों को प्रेरित किया जाता है कि वे बच्चों को आठवीं से पहले स्मार्टफोन न दें।
खुद से चलने वाली कार
ऑटो और टेक कंपनियां आश्वस्त थीं कि कार चलाने में इंसान की तुलना में कंप्यूटर जल्द ही ज्यादा सक्षम होगा। वर्ष 2015 में टोयोटा मोटर कॉर्प ने कंपनी स्तर पर एक शर्त लगाई कि 2020 तक सड़क पर खुद से चलने वाली कार होंगी। लेकिन 2018 में एक पैदल यात्री की मौत सेल्फ ड्राइविंग उबर कार की चपेट में आने से हो गई। नए वर्ष में टोयोटा की लेक्सस ब्रांड एक ऐसी कार पेश करेगी जो खुद से चलने वाली कार होगी।
फ्लाइंग कार तैनात करेगी उबर
उबर 2020 में फ्लाइंग कार प्रदर्शित करने की इच्छुक है, लेकिन यह तय है कि अगले साल ऐसा नहीं होने जा रहा। कंपनी इस पर काम कर रही है। इस वर्ष उबर ने फ्लाइंग गाड़ी को अपनी सेवा में शामिल किया, लेकिन वह अत्याधुनिक नहीं है। न्यूयॉर्क सिटी में यह हेलीकॉप्टर की सवारी करा रही है।
सात करोड़ का बिटक्वाइन
क्रिप्टोकरेंगी समुदाय में विशेष स्थान रखने वाले जॉन मैक्फी ने 2017 में भविष्यवाणी की थी कि 2020 के अंत तक एक बिटक्वाइन की कीमत एक मिलियन डॉलर (7, 14, 27, 500 रुपये) हो जाएगी। फिलहाल इसकी कीमत करीब 72 सौ डॉलर (5, 14, 278 रुपये) ही है जो उनके जादुई आंकड़े से काफी दूर है। हालांकि अपने दावे पर वे कायम हैं। उनका कहना है कि यदि वह गलत होते हैं तो अपने शरीर का अंदरूनी हिस्सा खा जाएंगे।
क्या साकार होगा हाइपरलूप का सपना
साल 2013 में एलन मस्क ने परिवहन के इस पांचवें स्वरूप की कल्पना की। इसमें उन्होंने आठ सौ मील प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्यूब के माध्यम से लोगों को यात्र कराने की बात कही थी। मस्क से प्रेरित होकर कई टेक उद्यमी इस दिशा में आगे बढ़े। 2015 में एक प्रमुख स्टार्टअप कंपनी ने घोषणा की कि 2020 तक पहली 60 मील की दूरी लोग हाइपरलूप से तय करेंगे। वर्जिन हाइपरलूप वन का कैलीफोर्निया में 16 सौ फुट का टेस्ट ट्रैक है। मस्क की बोरिंग कंपनी लास वेगास में तथाकथित लूप सिस्टम बना रही है। इसमें करीब एक मील लंबा संकीर्ण सुरंग वाला ट्रैक है। इसपर 155 किमी की रफ्तार से टेस्ला कार दौड़ती है।