देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसपर निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को कहा कि एक पड़ोसी देश भारत, खासकर जम्मू-कश्मीर में जानबूझकर और अधिक समस्याएं पैदा करना चाहता है।

उपराष्ट्रपति ने श्रीनगर और इसके आस-पास स्थित पांच स्कूलों की 30 छात्राओं के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस बात को लेकर किसी भी प्रकार का समझौते करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
नायडू ने यहां अपने आवास पर हुई बातचीत के दौरान पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, ‘हम पड़ोसी के साथ पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) पर विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है, आतंकवाद का कोई दीन धर्म नहीं होता। हमारा पड़ोसी हमारे देश को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। प्रगति के लिए शांति आवश्यक शर्त है। तनाव के साथ आप प्रगति पर ध्यान नहीं रख सकते।’
छात्राओं का यह दल दिल्ली भ्रमण पर आया है जिसका आयोजन भारतीय सेना ने किया है। नायडू ने इसके लिए सेना की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर भारत का मुकुट है। इस पूरे क्षेत्र को प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है, बर्फ से ढके पर्वतीय शिखरों, हरी-भरी वादियों में बहती अविरल धाराओं में प्रकृति अपने पूरे विहंगम सौंदर्य में दिखती है। इस क्षेत्र के मैत्रीपूर्ण नागरिक यहां की उदार आध्यात्मिक परंपरा के वारिस हैं।’
नायडू ने छात्राओं से कहा, ‘इस देश के नागरिक के रूप में आपको संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन आपके कर्तव्य ही आपके अधिकारों का स्रोत हैं। मुझे आशा है कि आप अपने अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहेंगी।’
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