लखनऊ विश्वविद्यालय में लॉ का पर्चा लीक कांड की जांच में जुटी एसटीएफ को बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल करने वाले की तलाश है। इसी इरादे से सोमवार को प्रकरण से जुड़े सभी लोगों को एसटीएफ ने नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया है। एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, आरोपित से ऋचा मिश्रा से हुई बातचीत के बारे में जानकारी मांगी गई। सोमवार देर शाम तक सभी छह लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके थे।
एसटीएफ के बुलावे पर आरोपित प्रोफेसर अशोक सोनकर के अलावा डीन फैकल्टी सीपी सिंह, प्रोफेसर आरके सिंह, डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, छात्र अरजीत सिंह और विनीत वर्मा भी एसटीएफ ऑफिस पहुंचे थे। सुबह करीब 10 बजे से सभी को अलग-अलग बुलाया गया। बयान दर्ज करने के दौरान एसटीएफ यह बता लगाने में जुटी रही कि आखिर बातचीत की ऑडियो किसने और क्यों लीक की? सभी ने अपना पक्ष एसटीएफ के समक्ष रखा है, जिसे जांच में शामिल किया जाएगा।
एसटीएफ ने उन सभी लोगों की कॉल डिटेल भी खंगाली है, जिन लोगों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था। सूत्रों का कहना है कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड में कुछ अहम जानकारियां एसटीएफ के हाथ लगी हैं। सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ इस प्रकरण में शामिल सभी लोगों के नाम उजागर करना चाहती है। हालांकि, प्रकरण में मुख्य किरदार रही ऋचा मिश्रा से अभी तक न तो हसनगंज पुलिस और न ही एसटीएफ पूछताछ कर सकी है।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के लॉ विभाग का पेपर लीक होने का (परीक्षार्थी ऋचा मिश्रा को पेपर बताते हुए) ऑडियो वायरल हुआ था। मामला उजागर होने पर कुलपति एसके शुक्ला ने परीक्षाएं निरस्त कर दो आरोपित प्रोफेसरों को निलंबित कर मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस घटना के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि परीक्षार्थी ऋचा और कुलपति की बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो गया। इसके बाद कुलपति की भूमिका पर भी सवाल उठने शुरू हो गए।
चल रहा ताकत का खेल
मामले की जांच एसटीएफ के हाथ है। ऐसे में जांच में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी लेकिन विवि में चर्चाएं तमाम हैं। कुलपति एसके शुक्ला को लोग पावरफुल बता रहे हैं तो लॉ के आरोपित प्रोफेसर आरके सिंह, अशोक सोनकर तथा शेखर अस्पताल की संचालिका ऋचा को रसूखदार कहा जा रहा है। कैंपस में चर्चा है कि ऋचा मिश्रा के तार ऊपर तक जुड़े हैं। इसी कारण विवि के कुलपति से लेकर प्रोफेसर तक सीधे संपर्क में थे।
अब तक हुई कार्रवाई
- हसनगंज थाने में आरोपितों पर एफआइआर हुई। पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
- सीएम ने एसटीएफ को जांच के निर्देश दिए।
- एसटीएफ ने 13 दिसंबर को लविवि के परीक्षा नियंत्रक अंजनी कुमार मिश्र से मामले में पूछताछ की और वायरल ऑडियो हासिल किया।
- लविवि के कुलपति एसके शुक्ला से एसटीएफ ने 14 दिसंबर को पूछताछ की और जरूरी दस्तावेज जुटाए।