बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विभाजनकारी है.
देश के मुसलमानों से बीजेपी बदला ले रही है. बीएसपी संसदीय दल ने भी राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है. मायावती ने कहा, हमारी पार्टी यूपी विधानसभा में भी नागरिकता कानून और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएगी.
मायावती ने कहा कि नागरिकता कानून इंसानियत के खिलाफ है. ऐसा कतई नहीं होना चाहिए कि कानून की आड़ में किसी संप्रदाय को निशाना बनाया जाए. जामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस बल का जैसा प्रयोग किया गया, इस दमनकारी नीति का सभी विरोध कर रहे हैं.
बीएसपी प्रमुख ने कहा, सभी शैक्षणिक संस्थान इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार को इमरजेंसी जैसे हालात पैदा नहीं करने चाहिए, जैसा कांग्रेस ने पहले किया है. बीएसपी संसदीय दल ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा है.
मायावती ने कहा, मैं केंद्र सरकार से मांग करती हूं कि इस असंवैधानिक कानून को फौरन वापस लिया जाए, अन्यथा भविष्य में इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा. संभव है कि कांग्रेस की जो हालत 1977 में हुई, वैसी ही हालत उसकी 2024 में हो जाए.