children malnourished. गुजरात में 1.96 लाख बच्चे कुपोषित हैं। इनमें 1.55 लाख बच्चों का वजन कम है और 41090 बच्चे भयंकर कुपोषण के शिकार हैं। राज्य सरकार विधानसभा में कांग्रेस की विधायक पूनम परमार द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी है।
राज्य सरकार ने कहा कि आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों के बीच कुपोषण कम करने के लिए अभियान चलाया है। राज्य में आंगनबाड़ियों और मां के गर्भ में बच्चों को पोषण युक्त आहार मिले। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर जांच की जाती है। पिछले पांच में सरकार ने आंगनबाडी केंद्र में तीन से छह वर्ष के बच्चों को सुबह गर्म नास्ता और दोपहर को भोजन दिया है।
सरकार ने कुबूल किया कि 30 जून, 2019 तक गुजरात में 1.96 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। इनमें 1.55 लाख बच्चों के वजन कम हैं और 41090 बच्चों भयंकर कुपोषण के शिकार हैं। अदिवासी इलाके दाहोद, नर्मदा, खेड़ा और साबरकांठा में सबसे अधिक बच्चे कुपोषित हैं।
अगर सूत्रों की मानें तो हकीकत कुछ और ही है। दरअसल ये आंकड़े तो सरकारी है। हकीकत में गुजरात में कुपोषित बच्चों की तादाद और भी ज्यादा है। मगर कोई भी इस पर खुल कर बोलने के लिए तैयार नहीं है।
आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी और अशिक्षा की वजह से ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं। हालांकि आदिवासियों को जागरूक किया जा रहा है। पूरी तरह से जागरूक होने पर ही कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आने की संभावना है।
उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गुजरात सरकार द्वारा सदन में जारी किए गए आंकड़े गलत हैं। प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक है। आदिसवासी इलाकों में आंगनबाड़ी का अभाव है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। सरकार केवल बड़े-बड़े कार्यक्रम कर कुपोषण कम करने का दिखावा करती है, लेकिन सच्चाई कुछ और बयां कर रही है।
जानें, कहां कितने बच्चें हैं कुपोषित
दाहोद – 31,93
नर्मदा -10,406
खेड़ा – 7290
वडोदरा- 6892
साबरकांठा- 6781
सबसे कम वजन वाले बच्चे
दाहोद- 10549
नर्मदा- 4316
भावनगर-1794
आणंद -1736
साबरकांठा-1663