सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की संविधान पीठ को भेजा गया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता फातिमा को कहा कि हम अभी कोई आदेश आपकी याचिका पर जारी नहीं कर करेंगे. चीफ जस्टिस ने कहा कि 2018 का सुप्रीम कोर्ट का आदेश अंतिम आदेश नहीं है, क्योंकि मामला अभी भी 7 जजों की संविधान पीठ के पास लंबित है.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि कुछ विषय देश में ऐसे भी होते है, जो बहुत विस्फोटक होते है ये उन्हीं में से एक है. आज आदेश जारी करना सही नहीं है. हमनें न्यूज पेपर में पढ़ा है कि इस मामले से लोगों की भावना जुड़ी है. आज कोई आदेश जारी करना सही नहीं होगा. याचिकाकर्ता विंदू की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि 2018 के आदेश पर कोई रोक नहीं है. सभी उम्र की महिलाएं सबरीमला मंदिर में जा सकती है.
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हमें पता है कि 2018 के आदेश पर कोई रोक नहीं है, लेकिन हम अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कोई आदेश जारी नहीं करेंगे. याचिका कर्ता ने कहा कि हमे मंदिर मे जाने का आदेश दे. कोर्ट ने कहा कि न तो हम जाने और न ही रोकने का. कोई भी आर्डर पास नहीं करेंगे.