Madhya Pradesh मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में नवरत्न पेट्रोलियम कंपनियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों की संख्या में नए पेट्रोल पंप अलॉट (आवंटन) करने की प्रक्रिया शुरू की है। मध्य प्रदेश में एक साल से 1853 नए पेट्रोल पंप देने की कवायद चल रही है, लेकिन कंपनियों के पास राज्यों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की पुख्ता जानकारी तक नहीं है। इसके चलते ये कंपनियां शहरी सीमा में ग्रामीण क्षेत्र के पेट्रोल पंप की जगह ढूंढने जैसी कवायद में जुटी हैं। इस कारण आवेदक तो परेशान हैं ही, पेट्रोल पंप भी नहीं खुल पा रहे।
देश भर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीनों पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) ने हजारों नए पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन मंत्रालय के पास राज्यों की ग्राम पंचायत, नगर परिषद, नगर पालिका और नगर निगम की क्षेत्रीय सीमा आदि की अपडेट जानकारी नहीं होने से कई विसंगतियां सामने आ रही हैं। हालत यह है कि शहरी क्षेत्रों की सीमा में मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्र के पेट्रोल पंप की लोकेशन के लिए आवेदन मांग लिए हैं। पेट्रोलियम कंपनी की इस विसंगति की शिकायतें प्रधानमंत्री कार्यालय तक की गई हैं।
गलत लोकेशन फिर भी प्रक्रिया जारी
विज्ञापन में हुई तकनीकी गलती का एहसास मंत्रालय के अफसरों को भी है लेकिन जिम्मेदारी से बचने उसमें जरूरी संशोधन भी नहीं किया जा रहा। जिन शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण लोकेशन के आवेदन मांगे गए हैं वहां मंत्रालय अपना स्थल निरीक्षण, स्क्रूटनी और आवेदकों के इंटरव्यू जैसी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा है। यह जानते हुए कि संबंधित लोकेशन गलत है उसके बावजूद प्रक्रिया रोकी नहीं गई।
शिकायतें, संशोधन भी नहीं
मध्य प्रदेश के लिए 1853 नए आउटलेट खोलने के लिए पिछले साल 14 दिसंबर 2018 को विज्ञापन जारी किया था। प्रदेश के सभी 52 जिलों को चार जोन (भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर) में बांटा गया है। हर जोन के हिस्से में कमोबेश 13 जिलों का क्षेत्र आता है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में करीब 40 लोकेशन पर इस तरह की समस्याएं आ रही हैं। ग्वालियर जोन के प्रादेशिक प्रबंधक सौरभ जैन पुष्टि करते हंै कि उनके पास ऐसी शिकायतें आई हैं। अभी लोकेशन में संशोधन जारी नहीं हुआ है। उनका यह भी कहना है कि आवेदकों का नुकसान नहीं होने देंगे, फीस लौटाएंगे।
इन नगरों में मांगी ग्रामीण लोकेशन
छतरपुर जिले के राजनगर में 0 से 3 किलोमीटर के दायरे में गंजरोड पर भारत पेट्रोलियम ने ग्रामीण क्षेत्र की लोकेशन का विज्ञापन दिया है। कई लोगों ने आवेदन भी कर दिए लेकिन मुश्किल यह है कि राजनगर नगर परिषद है और 6 किमी का दायरा नगर सीमा में आता है। अब यहां तीन किमी सीमा में ग्रामीण क्षेत्र कहां से लाएं। इसी तरह टीकमगढ़ जिले के खरगापुर (नगर परिषद) में भी ग्रामीण लोकेशन मांगी गई है। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में सिसवा (लोकेशन नंबर1816) के लिए भी पेट्रोलियम कंपनी ने ग्रामीण लोकेशन मांगी है जबकि सिसवा में नगर पंचायत है।
समाधान करेंगे
मध्य प्रदेश में तीनों पेट्रोलियम कंपनी के स्टेट लेवल कोआर्डिनेटर (एसएलसी) एवं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के कार्यकारी निदेशक वी. सतीश कुमार ने माना कि चुनावी आचार संहिता के चलते आउटलेट आवंटन की प्रक्रिया में विलंब हुआ। शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण लोकेशन ढूंढने की शिकायतों पर उनका कहना था कि हम मामले की जांच करा रहे हैं। इसका समाधान भी करेंगे और आवेदकों का नुकसान नहीं होने देंगे।
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