उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण क विकराल समस्या को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चिंता जताई। उन्होंने इंजीनियरिंग छात्रों से तकनीकी के जरिए पराली और प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए शोध करने का संदेश दिया है। शहर में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में उन्होंने कहा है कि पराली के उपयोग से ऐसे उपकरण बनाए जाएं, जो आम आदमी के लिए लाभदायक सिद्ध हों। इसके लिए प्रोफेसरों को भी नई तकनीक पर नवाचार में आगे आना होगा।
एचबीटीयू में शनिवार को पहले दीक्षा समारोह का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्य अतिथि पद्ममश्री संजय गोविंद धांडे ने शुभारंभ किया। यहां समारोह में 13 विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक दिए गए। वहीं एमटेक के 111 व एमटेक के 55 छात्र छात्राओं को उपाधि दी गई। बतौर विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण व प्राविधिक शिक्षा सचिव राधा चौहान मौजूद रहे।
देश के विकास में तकनीकी नवाचार जरूरी
राज्यपाल ने कहा कि देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए तकनीकी शिक्षा व नवाचार आवश्यक है। लेकिन, तकनीकी शिक्षा के साथ अगर चरित्र निर्माण ना हो तो वह किसी काम की नहीं है, इसकी शुरुआत स्कूल स्तर से ही हो जाती है। पढ़ाई के साथ साथ समाज सेवा सद्भावना वह सत्य निष्ठा भी जरूरी है, यह गुण लेकर छात्र उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेते हैं। अगर छात्र के अंदर यह गुण नहीं है तो तकनीकी ज्ञान उनका व्यर्थ है।
मोबाइल पर समय बर्बाद न करें
दीक्षा समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्कूली छात्र व्हाट्सएप व मोबाइल पर अपना समय गुजार रहे हैं जो कि गलत है। शिक्षकों को चाहिए कि उन्हें ऐसी पुस्तकों का अध्ययन कराएं जिससे वे इनसे दूर होकर उसको के करीब पहुंचे। अच्छी किताबें मोबाइल से उन्हें दूर करेंगी और यही उनके संस्कार की बुनियाद बनेंगी।
कुपोषण खात्मे को स्कूल से हो पहल
राज्यपाल ने कहा कि लड़कियों में कुपोषण खत्म करने के लिए स्कूल व कॉलेजों को पहल करनी होगी। 25 से 30 फीसद बच्चे कुपोषित होने के साथ जन्म लेते हैं। इसका कारण लड़कियों की काम उम्र में शादी होना भी है। 15 से 16 साल की उम्र में मां बन जाती हैं, जिससे बच्चा भी कमजोर कुपोषित होता है। जांच में जो परिणाम सामने आए हैं, वह चिंताजनक है 16 छात्र कुपोषित हैं। इनमें हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई है।